बिलासपुर। आयुष्मान योजना के तहत गरीब मरीजों को लाभ पहुंचाने में सरकारी अस्पताल निजी हास्पिटल से पीछे हैं। सीएमएचओ ने अधिक से अधिक मरीजों को आयुष्मान से लाभान्वित करने के लिए जिले के 38 स्वास्थ्य केंद्रों को नोटिस थमा दिया है। साथ ही चेतावनी दी है कि हितग्राहियों को पूरा लाभ नहीं मिला तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी। आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना और डा. खूबचंद बघेल स्वास्थ्य सहायता योजना अंतर्गत पंजीकृत अस्पतालों में हितग्राही मरीजों को स्वास्थ्य सुविधा प्रदान की जा रही है। स्वास्थ्य विभाग को मिले आंकड़ों के अनुसार शासकीय अस्पतालों से ज्यादा निजी अस्पतालों में भर्ती होकर मरीज योजना का लाभ ले रहे हैं। जबकि सरकारी अस्पतालों के लिए 166 से अधिक बीमारी के इलाज का पैकेज आरक्षित है।
यानी इन बीमारी का इलाज आयुष्मान कार्ड से केवल सरकारी अस्पताल में ही हो सकता है। इसके बाद भी सरकारी अस्पताल में मरीजों की संख्या कम दिखाई दे रही है। ऐसे में सीएमएचओ डा. प्रमोद महाजन ने जिले के कोटा, मस्तूरी, बिल्हा और तखतपुर के 38 स्वास्थ्य केंद्रों के खंड और ग्रामीण चिकित्सा अधिकारियों को नोटिस जारी कर पूछा है कि योजना के तहत इलाज कराने वाले मरीजों की संख्या कम क्यों है।
तीन माह में 60 प्रतिशत भी इलाज नहीं
सीएमएचओ द्वारा जारी पत्र में लिखा है कि विगत तीन माह में लक्ष्य के अनुरूप आइपीडी के 60 प्रतिशत मरीजों का इलाज आयुष्मान से नहीं किया गया है। अफसरों को निर्देश दिया है कि अस्पतालों में आइपीडी के मरीजों को अधिक से अधिक लाभ पहुंचाएं और क्लेम करें। इससे पहले भी इस तरह की शिकायत मिल चुकी है। लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई जिसके कारण इस तरह की शिकायत लगातार आ रही है।
कम्प्यूटर आपरेटर की करें नियुक्ति
सीएमएचओ ने सभी बीएमओ को निर्देशित किया है कि सभी भर्ती मरीजों का पंजीयन योजनांर्गत किया जाए। जिन मरीजों का प्रिंट आउट मिल चुका है। उन्हें उपचार एवं डिस्चार्ज के बाद टीएमसी साफ्टवेयर से भी डिस्चार्ज करें। कर्मचारियों को प्रशिक्षित करें। दैनिक वेतन भोगी आधार पर कम्पयूटर आपरेटर की नियुक्ति की जाए, जिसका मानदेय का भुगतान जीवनदीप समिति से किया जाएगा।
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