30 हाथियों के दल का आतंक गजराज ने ली दो ग्रामीणों की जान..!

Family of Indian elephants, Elaphas maximus, with two calfs crossing a path, Kaziranga National Park, Assam, India. Kaziranga - Karbi Anglong Landscape
अम्बिकापुर 
जशपुर जिले के नारायणपुर वन परिक्षेत्र में हाथियों का दो झुंड घूम रहा है। एक दल में करीब 30 हाथी व दूसरे दल में 13 हाथी बताए जा रहे हैं। शनिवार की रात को 30 हाथियों के दल ने ग्राम रमसमा के करीब खेत में घुसकर फसलों को नष्ट किया था। वहीं रविवार की रात को हाथियों ने ग्राम ग्राम कोटिया में एक ग्रामीण की जान ले ली और दूसरी ओर बस्ती में घुसे एक दंतैल ने ग्राम सेंद्रीमुंडा महुआटोली में एक महिला का कुचलकर मार दिया।
जानकारी के मुताबिक ग्राम जोकबहला कोटिया निवासी थे लोफिस लकड़ा रविवार की रात्रि 8 बजे अपने एक मित्र के साथ कोटिया उरांव बस्ती मजदूर ढूंढ़ने गया हुआ था। थेलोफिस लकड़ा अपने खलिहान में धान मिसाई कर रहा है। इसलिए उसे मजदूरों की जरूरत थी। रात को वह अपने मित्र के साथ उरांव बस्ती से निकल रहा था। रास्ते में एक स्थान पर थेलोफिस को लघुशंका लगी और वह लघुशंका कर रहा था। उसी वक्त हाथियों ने उसे घेर लिया और सूंड से पटकने के बाद अपने भारी-भरकम पैर उसकी छाती में रख दिए। मौके पर ही थेलोफिस पिता इमिल 40 वर्ष की मौत हो गई। इस बीच उसके दोस्त ने पुल के नीचे छिपकर अपनी जान बचाई। इसी तरह दूसरी घटना ग्राम सेन्द्रीमुंडा महुआटोली में घटित हुई।
गांव के नजदीक हाथियों के दल की मौजूदगी में गांव के पुरूष सदस्य टोली बनाकर हाथियों को खदेड़ने में जुटे थे और बस्ती से बाहर थे। गांव की कुछ महिलाएं बस्ती के गोरठो (माता मरियम का स्तंभ) के पास बैठी थी। तभी महिलाओं को पेड़ का डगाल टूटने की आवाज आई। झुंड से निकलकर एक हाथी बस्ती के भीतर जाकर छिपा था। महिलाओं की नजर उसपर पड़ी और महिलाएं अपनी जान बचाने के लिए भागने लगी। इन महिलाओं में महुआटोली निवासी कुंवारी यादव पति जगदेव 45 वर्ष भी थी जो कि दौड़ लगाने में थोड़ी पिछड़ गई। दौड़ाते हुए दंतैल ने इस महिला को अपनी सूंड में लपेट लिया और उठाकर जमीन पर पटका। क्रोधित दंतैल इतने में ही नहीं रूका। महिला को पांव से कुचलने के बाद वह फुटबाल की तरह महिला के शव से खेलता रहा। करीब 15 मिनट तक महिला के शव से खेलने के बाद दंतैल वहां से चला गया।