ह्यूस्टन अमेरिका के रिचर्डसन स्थित अपने अभिभावकों के घर से लापता होने के बाद मृत पाई गई भारतीय मूल की तीन साल की नन्हीं बच्ची शेरिन मैथ्यूज का शव डलास काउंटी मेडिकल जांचकर्ता ने सौंप दिया है. बहरहाल, कार्यालय ने यह बताने से इनकार किया कि शव किसको सौंपा गया है.
रिचर्डसन निवासी 23 साल के उमर सिद्दिकी ने एक ऑनलाइन याचिका जारी की थी. सिद्दिकी ने कहा था कि उसका मैथ्यूज के परिवार से कोई वास्ता नहीं है लेकिन उन्होंने अधिकारियों से बच्ची का शव एक समूह को सौंपने का तथा उसके अंतिम संस्कार की अनुमति देने का आग्रह किया था. याचिका पर शनिवार तक पांच हजार लोगों ने हस्ताक्षर किए थे.
बच्ची डलास स्थित अपने घर से सात अक्तूबर को लापता हो गई थी और 22 अक्तूबर को उसका शव घर के पास के नाले से बरामद हुआ था. अचानक लापता होने और फिर शव बरामद होने के बाद से बच्ची अंतरराष्ट्रीय चर्चा का केन्द्र बन गई थी और गोद लेने की प्रकिया पर ही सवाल उठने लगे थे.
शेरिन को पिछले वर्ष भारतीय अमेरिकी मूल के दंपति वेस्ले मैक्यूज और सिनी मैथ्यूज ने गोद लिया था. वेस्ले को, बच्ची की मौत के कारणों पर बयान बदलने के बाद गिरफ्तार कर लिया गया था. वेस्ले मैथ्यूज ने पुलिस को पहले बताया था कि उसने बच्ची को सात अक्तूबर को देर रात तीन बजे घर के बाहर एक पेड़ के निकट खड़े होने की सजा दी थी क्योंकि वह दूध नहीं पी रही थी. इसके बाद शेरीन लापता हो गई थी.
बाद में उसका शव मिल जाने के बाद वेस्ले ने अपना बयान बदलते हुए कहा कि वह बच्ची को दूध पिला रहा था और इसी दौरान गले में दूध अटकने के कारण शेरिन का दम घुट गया. पुलिस अभी भी इस बात की जांच कर रही है कि शेरीन की मौत कैसे हुई और शव कितने दिन तक नाले में रहा.