नई दिल्ली
आखिरकार सुप्रीम कोर्ट ने वही आदेश दे दिया जिसकी चेतावनी उसने मार्च में सहारा समूह को दी थी। निवेशकों को लौटाने के लिए 5000 करोड़ रुपया जमा करने में नाकामयाब रहने पर देश की सर्वोच्च अदालत ने सहारा की प्रॉपर्टी ऐंबी वैली की नीलामी का आदेश दे दिया है। कोर्ट ने सहारा प्रमुख सुब्रत रॉय की खिंचाई भी की और कहा कि वह वादे निभाने के लिए कुछ बेहतर करें, न कि कोर्ट में हामी भरने के बाद कदम पीछे खींच लें। कोर्ट ने उन्हें व्यक्तिगत रूप से 28 अप्रैल को उसके सामने उपस्थित होने का आदेश भी दिया है।
सुप्रीम कोर्ट कहा, ‘कोर्ट की उदारता का गलत इस्तेमाल किया गया है।’ मामले की सुनवाई कर रही बेंच ने रॉय की उस अंडरटेकिंग का जिक्र किया जिसमें सहारा प्रमुख ने सेबी के जरिए निवेशकों को 25,000 करोड़ रुपये लौटाने की बात कही थी। जस्टिस दीपक मिश्रा, जस्टिस राजन गोगोई और जस्टिस एक सिकरी की बेंच ने चेतावनी भरे लहजे में कहा, ‘किसी भी कीमत पर अपने पहले के अंडरटेकिंग को पूरा करें।
बता दें कि मार्च में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि सहारा अगर कुल 14,000 करोड़ रुपये बकाये में से 17 अप्रैल तक 5,000 करोड़ रुपया जमा कराने में नाकामयाब रहा तो वह सहारा की पुणे स्थित ऐंबी वैली वाली प्रॉपर्टी की नीलामी कर देगा। सहारा इस प्रॉपर्टी की कीमत 34,000 करोड़ रुपये बताता है। उच्चतम न्यायालय ने कहा था कि अगर सहारा समूह पैसे जमा कराने में असफल रहा तो उसके पास कोई विकल्प नहीं बचेगा।
इससे पहले बेंच ने फरवरी में ही ऐंबी वैली को जब्त करने का आदेश दे दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने अगस्त 2012 में सहारा को निवेशकों का 25,000 करोड़ रुपये लौटाने निर्देश दिया था। कोर्ट ने कहा था कि बाजार विनियामक संस्था सेबी के पास यह पैसा जमा करा दे। इससे पहले कोर्ट ने पाया कि समूह की दो कंपनियां सहारा रीयल एस्टेट और सहारा हाउसिंग ने तीन करोड़ निवेशकों से अवैध तरीके से पैसे जुटाए। सहारा ने अब तक 11,000 करोड़ रुपये लौटा दिए हैं। इसमें 6,000 करोड़ रुपये तब चुकाए गए जब सुप्रीम कोर्ट ने सहारा प्रमुख के साथ-साथ समूह के दो डायरेक्टरों को 4 मार्च 2014 को जेल भेज दिया।