जांजगीर चाम्पा। मेडिकल काॅलेज सिम्स बिलासपुर छ0ग0 की स्पेसिलिस्ट टीम एवं जिला स्तर से मेडिकल टीम के द्वारा नगर पालिका परिषद जांजगीर-नैला के वार्ड न0 – 02 दर्री पारा में घर- घर भ्रमण कर उल्टी दस्त के मरीजों का जांच किया गया एवं पानी तथा स्टूल सैम्पल लेकर सिम्स बिलासपुर लैंब में जांच के लिए भेजा गया हैं। उक्त मेडिकल टीम में मुख्य रूप से सिम्स बिलासपुर से आये विशेषज्ञ डाॅक्टर डाॅ0 वी.के. मनवानी (एसोसियेट प्रोफेसर पी.एस.एम.), डाॅ0 जे. चन्द्रवन्सी (असिस्टेंट प्रोफेसर मेडिसीन विभाग), डाॅर्0 अिभषेक कलवानी सिनियर रेसिडेंट पीडिया विभाग), डाॅ0 प्रभात पाण्डेय (इन्टर्न), डाॅ0 मोहनिष खुलिल (इन्टर्न), डाॅ0 विनोद कुमार (इन्टर्न), मो0 जोविर (लेब टेक्नेशियन), एवं जिला स्तर से मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ0 आर0 एस0 जोशी, जिला नोडल अधिकारी आई0डी0एस0पी0 डाॅ0 एम0डी0 तेन्दुवे, जिला कार्यक्रम अधिकारी एन0एच0एम0 श्री गिरीश कुर्रे, जिला एपीडेम्योलाजिस्ट आई0डी0एस0पी0 डाॅ0 अभिषेक शास्त्री उपस्थित रहें।
उक्त जांच में उल्टी दस्त के कुल नये 14 एक्टीव प्रकरण एवं कुल 24 पुराने प्रकरण पायें गयें इसमें से पांच स्टूल के सेम्पल सादे कन्टेनर में एवं 2 स्टूल सेम्पल अल्केलाइन पेप्टोन वाटर मीडिया में कोलेरा की जांच के लिये भेजे गये। एवं पेयजल स्त्रोंतो से पानी के भिन्न-भिन्न स्त्रोंत के कुल आठ सेम्पल लिए गयें जिसकी विस्तृत जांच रिपोंर्ट तीन दिवस में उपलब्ध होगी।
जांच टीम द्वारा निम्न सुझाव दिये गयें।
- चूंकि बिमारी दूषित पीने के पानी से फैला हैं अतः उबला हुआ पानी पीने की सलाह दी गई हैं।
- मितानिनों के द्वारा घर-घर जाकर पीने के पानी के कंटेनर में अपने सामने क्लोरीन टेबलेट डाला जाए।
- कुंए के पास के बोर के पानी कोे पीने के लिए ना उपयोग किया जाए।
- तालाब किनारे के नलकूप को भी उपयोग ना किया जाए।
- कुंए, नालीयों, एवं पानी के जमाव वाले जगहों पर ब्लीचिंग पाउडर डाला जाए।
- तालाब के पानी का खाना बनानें में उपयोग ना किया जाए।
- तालाब के पानी को डेªन कर दूसरा साफ पानी उसमें रिप्लेसमेंट किया जाए।
- सामुदायिक भवन के पास जो बोर हैं वहां से कनेक्शन कर दर्रीपारा वार्ड क्रमाक 2 में तालाब के समीप के घरों में पीने के पानी की सप्लाई किया जाए।
- प्रतिदिन घर-घर जाकर नये मरीजों की जांच करके दवाईयां जिंक टेबलेट एवं का वितरण किया जाए।
- वार्ड में नालियाॅ की साफ-सफाई करवाया जाए एवं नालियाॅ में पानी जमा होने से रोका जाए।
- समस्त दूषित हैंडपम्प बंद कराये जायें व वैकल्पिक पेयजल की व्यवस्था की जाय।
- साफ सफाई एवं महामारी से बचाव के लिए जागरूकता कार्यक्रम चलाया जाये।