गोरखपुर. यूपी के गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज में बच्चों की मौत का सिलसिला अब भी जारी है। यहां बीते 48 घंटों में 30 बच्चों की मौत हो चुकी है। इन बच्चों की मौत 1 नवंबर से 3 नंवबर के बीच हुई है। हालांकि मेडिकल कॉलेज प्रशासन की मानें तो इंसेफेलाइटिस से मौतों के आंकड़े में कमी आई है। लेकिन, कॉलेज के जिम्मेदार यह भी मानते हैं कि इन मौतों को सामान्य नहीं कहा जा सकता है। बता दें कि बीते पिछले तीन महीने में ही करीब 1300 बच्चों की मौत सिर्फ बीआरडी मेडिकल कॉलेज के बालरोग विभाग में हुई है।
-गोरखपुर का बीआरडी मेडिकल कॉलेज उस समय राष्ट्रीय सुर्खियों में आया जब 10-11 अगस्त की रात कुछ देर के लिए ऑक्सीजन बाधित होने के कारण 36 बच्चों की मौत हो गई थी।
– इस मामले ने काफी तूल पकड़ा और बीआरडी मेडिकल कॉलेज के तत्कालीन प्राचार्य डा. राजीव मिश्र, उनकी पत्नी डा. पूर्णिमा शुक्ला, डा. कफील खान सहित कुल 9 लोगों को जेल जाना पड़ा।
– लेकिन, इसके बावजूद बीआरडी मेडिकल कॉलेज में हर रोज मासूमों की मौत का सिलसिला नहीं थमा। हर रोज हो रही मासूमों की मौत ने आम लोगों को हैरान तो किया है। लेकिन, पूर्व में इसे सामान्य मौत मानने वाला बीआरडी मेडिकल कॉलेज प्रशासन भी अब यह मानने लगा है कि इन मौतों को सामान्य मौतें नहीं कहा जा सकता है।
क्या बोले डॉक्टर
-बीआरडी मेडिकल कॉलेज के प्रोफेसर डा. डीके श्रीवास्तव ने बताया कि 1 नवंबर की रात 12 बजे से 3 नवंबर की रात 12 बजे तक 48 घंटे में कुल 30 बच्चों की मौत हुई है।
-उन्होंने बताया कि बीआरडी मेडिकल कॉलेज में 1 नवंबर की रात 12 बजे से 3 नवंबर की रात 12 बजे तक एनआईसीयू (नियो नेटल यूनिट) में कुल 15 बच्चों की मौत हुई है।
-वहीं पीआईसीयू (पीडिया) में 15 बच्चों की मौत हुई है।
-उन्होंने बताया कि 1 नवंबर की रात 12 बजे से 2 नंवबर की रात 12 बजे तक एनआईसीयू में 7 और पीआईसीयू में 5 बच्चों की मौत हो गई। तो वहीं 2 नवंबर की रात 12 बजे से 3 नंवबर की रात 12 बजे तक एनआईसीयू में 8 और पीआईसीयू में 10 बच्चों की मौत हुई है।