जांजगीर चांपा । छत्तीसगढ़ प्रदेश मे सबसे ज्यादा पलायन जांजगीर चांपा जिले से होता है. आये दिन ग्रामीण अपने रोजी रोटी की तलाश में अन्य प्रदेश पलायन करते है। लाॅकडाउन मे रोजी रोटी की तलाश मे पंजाब,राजस्थान जाकर मजदूरी का काम करते है। कोरोना महामारी में लाॅक डाउन के बाद लाखो की संख्या मे मजदूर बाहर से अपने घर पहुचें हुए थे। जो अब फिर से पलायन कर रहें है। जिले के सक्ती,जैजैपुर,डभरा,पामगढ इन ब्लाको से दलाल रात के अंधेरे में ग्रामीण मजदूरो चोरी छीपे पलायन करा रहा है। शहर के ग्रामीण इलाकों मे पंजाब,राजस्थान से लग्जरी बसे रोज गांव पहुंच रही हैं। वही ग्राम पंचायत व नगर पालिका से बिना अनुमति के ग्रामीण पलायन कर रहे है। इसकी जानकारी संबधित थाने व पंचायत को भी हैं। लेकिन इन ग्रामीणो को रोकने वाला कोई नही है। दलाल पैसे के लालच मे हजारो की संख्या में रोज ग्रामीणो को अन्य प्रदेश भेज रहा है। अन्य प्रदेश रोजी रोटी व रोजगार देने के लालच मे ग्रामीण भी दलाल के चंगुल मे फंस जाते हैं जिसका फायदा उठा कर दलाल मोटी कमाई कर रहा है। इसकी जानकारी जांजगीर चांपा जिले के कलेक्टर को भी लेकिन इस पर किसी प्रकार की कार्यवाही नही की जा रही है। ग्राम पंचायत व नगर पालिका भी इन पलायन करने वाले ग्रामीणो का रिकार्ड मे नही रख रही हैं। श्रम विभाग के आला अधिकारी मुक दर्शक बने बैठे हैं। श्रम विभाग के पास जिले मे कितने की संख्या मे ग्रामीण पलायन कर गये इसका रिकार्ड भी नही हैं। ग्रामीण बिना अनुमति के पलायन कर अन्य प्रदेश मे मजूदरी का काम करते है। वही समय पर उनका मेहताना नही देते जिसके कारण ग्रामीण मजबूरी मे काम करते हैं। दलाल ठेकेदारो सेे सांठगाठ कर हजारों की संख्या मे ग्रामीणो को बहला फूसला कर ले जाता है। शहर के चैक चैराहो पर यातायात के जवान भी रोज बाहर से लग्जरी बसे शहर आ जा रही है जिसकों देख रहे है। लेकिन इस बस संचालक से पुछताछ करने वाला कोई नही हैं। पिछले हप्ते ऐसा एक मामला सामने आया था जहां बस संचालक सक्ती से सैकड़ो की संख्या मे ग्रामीणो ंको राजस्थान ले जा रहा था। बस संचालक के पास न तो कोई ग्राम पंचायत की अनुमति था,न ही नगर पालिका का कोई अनुमति था. यहां तक बस का परमिट भी नही था। लेकिन इस बस संचालक के खिलाफ किसी प्रकार की ठोस कार्यवाही नही हुई।