पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा के तीसरे बेटे को..मिली मध्यप्रदेश की कमान..आज राज्यपाल को सौपेंगे अपना प्रस्ताव..

भोपाल..2018 के विधानसभा चुनाव में भाजपा को मिली शिकस्त के बाद कांग्रेस मुख्यतौर पर तीन हिंदी भाषी राज्यो में मुख्यमंत्री तय नही कर पा रही थी..और मुख्यमंत्री के चयन की प्रक्रिया के लिए कांग्रेस ने इन तीनो प्रदेशो में मुख्यमंत्री पद के संभावित उमीदवारों के लिए लम्बे दौर तक मंथन किया..इतना ही नही कांग्रेस आलाकमान ने तो बकायदा नवनिर्वाचित विधायको से रायशुमारी करने की जिम्मेवारी अलग- अलग राष्ट्रीय नेताओ को दी थी..पर अब वह जिम्मेवारी कांग्रेस नेता एके एंटनी ने पूरी कर ली है..यानी मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री के नाम पर मुहर लग चुकी है..

दरसल मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में कमलनाथ और ज्योतिरादित्य सिंधिया ने जिस तरह से मेहनत कर भाजपा के 15 वर्षो की सरकार को खदेड़ा है..उससे यही अनुमान लगाया जा रहा था.की सीनियरिटी के आधार पर कमलनाथ मुख्यमंत्री के रूप शपथ लेंगे,और हुआ भी वही है..चुनाव जीतने के लम्बे अंतराल के बाद कांग्रेस आलाकमान ने ज्योतिरादित्य सिंधिया की हामी भरने के बाद कमलनाथ के नाम पर मुहर लगा दी है..कमलनाथ आज सुबह राजभवन में राज्यपाल आनंदीबेन से मुलाकात करने पहुँच सकते है.जिसके बाद शपथ ग्रहण की तैयारियो को अमलीजामा पहनाया जा सकता है..
बता दे कि मौजूदा दौर में 16 वी लोकसभा के सदस्य और मध्यप्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष 72 वर्षीय कमलनाथ अब केंद्र सरकार में लंबी पारी खेलने के बाद अब किसी प्रदेश की कमान सम्हालने जा रहे है..कमलनाथ पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के जमाने से राजनीति में है..यही नही कमलनाथ 6 बार छिंदवाड़ा से सांसद चुनाव जीते है..इसके अलावा उत्तरप्रदेश के कानपुर निवासी कमलनाथ एक बार उप चुनाव हार चुके है..पर उन्होंने हार नही मानी है..जिसका प्रमाण आज सबके सामने है..