लखनऊ
चिप और रिमोट कंट्रोल के जरिए पेट्रोल-डीजल चुराने वाले चार पेट्रोलपंप मालिकों समेत 23 लोगों को एसटीएफ ने शुक्रवार को गिरफ्तार कर लिया। मामले में कुल सात एफआईआर दर्ज करवाई गईं हैं। जिला आपूर्ति अधिकारी संतोष विक्रम शाही ने सात पंपों का लाइसेंस तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया है। एडीएम आपूर्ति ने पेट्रोलियम मंत्रालय से इन पंपों का लाइसेंस बर्खास्त करने की सिफारिश भी की है। वहीं, नई दिल्ली में पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने भी दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की बात कही है।
एसटीएफ ने चौक व डॉलीगंज स्थित लालता प्रसाद वैश्य पेट्रोल पंप के मालिक शरद चंद्र वैश्य, कैंट स्थित शिव नारायण ऐंड संस के मालिक अमन और अनूप मित्तल और गल्ला मंडी स्थित मान फिलिंग सेंटर के मालिक आनन्द कुमार राय को गिरफ्तार किया है। इनके अलावा इलेक्ट्रिशन राजेंद्र, पेट्रोल पंप के मैनेजर और स्टाफ में से गिरफ्तार हुए लोगों में राजन अवस्थी, विजेंद्र सिंह भदौरिया, अशोक कुमार पाल, राकेश कुमार, दुर्गेश कुमार, प्रेम कुमार ओझा, गोविंद पांडेय, डाल कुमार ओझा, कमलेश, बबलू मिश्रा, अर्जुन लाल, अखिलेश कुमार दीक्षित, विनोद सिन्हा, देवेंद्र सिंह रावत, मातादीन, हसीब अहमद, चंदन कुमार और मोहित सिंह यादव शामिल हैं। इनके पास से 29 रिमोट और 15 इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस बरामद हुई हैं।
जांच पूरी होने तक सील रहेंगे पंप
जिला प्रशासन के अधिकारियों के मुताबिक एसटीएफ सहित विभागों की जांच पूरी होने तक ये सातों पेट्रोल पंप सील रहेंगे। पुलिस से लेकर आपूर्ति विभाग, बांट माप, जिला प्रशासन और एसटीएफ की टीम अपने स्तर से जांच करेंगे। तेल कंपनियों को इन पंपों फ्यूल आपूर्ति किए जाने से रोक दिया गया है। जिला प्रशासन के अधिकारियों के मुताबिक फिलिंग स्टेशनों पर हर रोज के हिसाब से तेल के टैंकर के आने के रेकॉर्ड, खपत और बचे तेल की भी जांच होगी। इसके अलावा ऑटोमेशन सिस्टम के संबंध में भी टेक्निकल एक्सपर्ट से जांच करवाने पर भी विचार चल रहा है। ताकि यह पता लगाया जा सके कि इस व्यवस्था में भी सेंध तो नही लगी है?