– मरीज इलाज नही हो पाने पर परेशान
जांजगीर चांपा। नर्सों की अनिश्चितकालीन हड़ताल से स्वास्थ्य सेवाओं पर बुरा असर पड़ा है। हालत यह है कि प्रशिक्षु नर्सों के हवाले सरकारी अस्पतालों के मरीज हैं, जिनके साथ कभी भी कोई अनहोनी हो सकती है। हड़ताल पर गईं नर्सों की मांगों पर अभी तक न तो सरकार ने और न ही स्वास्थ्य विभाग ने कोई ध्यान दिया है। नर्सों ने भी स्पष्ट चेतावनी दे दी है कि इस बार जब तक मांगे मानी नहीं जातीं हम पीछे नहीं हटेंगे।
ग्रेड पे 2800 से 4600 रुपए करने तथा सेकेंड क्लास का दर्जा दिए जाने की मांग को लेकर प्रदेश की नर्सें 18 मई से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चली गई हैं। इससे सरकारी अस्पतालों में मरीजों की हालत पर अच्छी तरह से ध्यान नहीं दिया जा रहा है। अकेले जिला चिकित्सालय में ही 50 से ज्यादा मरीज भर्ती हैं जिनकी देखभाल के लिए सीनियर नर्स हैं शेष सभी प्रशिक्षु हैं। महिला फीमेल वार्ड, लेबर वार्ड, मेडिसिन वार्ड, आर्थोपेडिक वार्ड, कैजुअल्टी सहित अन्य वार्डों में 4 से 5 की संख्या में नर्सों की तैनाती की गई हैं।
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