बिलासपुर.. प्रदेश में अपने 11 सूत्रीय मांगों को लेकर तपती जून के महीने में पुलिसकर्मियों के परिजन सड़को पर उतर आंदोलन कर रहे थे..और सरकार द्वारा कुछ मांगो को नही माने जाने के बाद कोर्ट की शरण मे गए थे..उस आंदोलन को आज एक बड़ा झटका लगा है..
दरसल प्रदेश में पुलिसकर्मियों का संगठन तैयार करने की मुहिम का आगाज करने वाले बिलासपुर पुलिस के बर्खास्त आरक्षक राकेश यादव ने साप्ताहिक अवकाश समेत विभिन्न सुविधाओं की मांग को लेकर छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की थी..जिसकी सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट के डिवीजन बैंच ने पुलिसकर्मियों के साप्ताहिक अवकाश के सम्बंध में स्थिति स्पष्ट करते हुए..पुलिसकर्मियों को साप्ताहिक अवकाश दिए जाने की मांग को अनुचित बताया है..राकेश यादव के वकील की दलीले सुनने के बाद कोर्ट ने कहा है की.. पुलिसकर्मियों को साप्ताहिक अवकाश देने से इसका असर कानून व्यवस्था पर पड़ेगा..
बहरहाल जिस तेजी के साथ पुलिसकर्मियों के परिजनों ने आन्दोलन की राह पकड़ी थी..और सरकार ने आनन -फानन में पुलिसकर्मियों के लिए नही मामा से काना मामा की तर्ज पर कुछ मांगो को मान ली थी..लेकिन पुलिसकर्मियों के परिजनों की अहम मांगो में से एक साप्ताहिक अवकाश को सरकार ने ठंडे बस्ते में डाल दिया था..जिसके बाद उक्त मांग को लेकर हाईकोर्ट में जनहित याचिका लगाई थी..और कोर्ट ने इस मसले को अनुचित बताते हुए टाल दिया है..जिससे प्रदेश के पुलिसकर्मियों में निराशा घर कर गई है…