रायपुर शिक्षा कर्मियों ने अपनी हड़ताल समाप्त कर दी है.. हडताल समाप्ति के घोषणा भी बड़ी ही विचित्र ढंग से हुई.. आधी रात को जेल में बंद मोर्चा के नेताओं ने घोषणा कर दी की छत्र हित को देखते हुए वो अपनी हड़ताल समाप्त कर रहे है.. पर सवाल यह है की साहब अचानक आधी रात को एसा क्या हो गया की आपको छात्र हित का ख्याल आ गया.. इतने दिनों से आप अपनी मांगो पर अड़े हुए थे तब छात्र हित आपको नहीं दिखा क्या.. बहरहाल इन हडताली शिक्षा कर्मियों के लिए तो अब एक ही लाइन याद आ रही है की “बड़े बे अबरू होकर तेरे कूचे से हम निकले…. ऐसा इसलिए की जिस तरह से शिक्षाकर्मियों के हड़ताल कथित तौर पर समाप्ति की घोषणा की गई है.. इसके बाद शायद सरकार के खिलाफ कभी भी आन्दोलन खड़ा नहीं हो सकेगा..
बहरहाल आधी रात हड़ताल समाप्त होने के पीछे वजह चाहे जो भी हो लेकिन जमीनी स्तर पर शिक्षाकर्मी अपने संगठन के इस फैसले से खुस नही है… उनके नेताओ द्वारा घोषणा के बाद सभी शिक्षाकर्मी स्कूलों में लौट गए है.. लेकिन इतने दिनों तक जारी संघर्ष के बीच वो खुद को ठगा सा महसूस कर रहे है.. आम शिक्षा कर्मी यह बात करते नजर आ रहे है की उनके नेताओं ने पहले तो सरकार की बात नहीं मानी और फिर बिना किसी समझौते के हड़ताल ख़त्म करनी पडी.. इन लोगो का मनना है के जब सरकार संविलियन छोड़ कर बाकी के मांगे मान रही थी तभी हड़ताल समाप्त कर देना था.. बहरहाल मांग पूरी होना या ना होना ये तो अब अपनी जगह है.. शिक्षाकर्मी नेता क्या सोचते है क्या चाहते है वो भी उनकी निजी सोच है.. लेकिन सबसे बड़ी तादात है उन शिक्षाकर्मियों की जो अपने नेताओं के कहने पर मोर्चा में शामिल हुए ख़ास कर के महिलाए जो अपने छोटे छोटे बच्चों को लेकर कडकडाती ठण्ड में हड़ताल में शामिल हुई, उनकी मनोव्यथा कुछ और ही है.. कई शिक्षा कर्मियों से जब हमने इस फैसले के सम्बन्ध में बात की तो उन सब का एक ही जवाब था.. जो हुआ है उसका जवाब चुनाव में देंगे… बहरहाल इस हड़ताल के बाद समाज का एक तपका सरकार के खिलाफ जाता दिख रहा है..
कांग्रेस के साथ धोखा…
शिक्षाकर्मियों के इस फैसले से बाद कांग्रेस के साथ भी बड़ा धोखा हुआ है.. शिक्षाकर्मियों की हड़ताल के समर्थन में आज कांग्रेस का महाबंद था और इसकी तैयारिया भी तगड़ी दिख रही थी.. लेकिन जिसके लिए कांग्रेस सड़क पर उतर रही थी वही आन्दोलन से पीछे हट गया.. लिहाजा कांग्रेस को शिक्षाकर्मियों ने बड़ा धोखा दिया है.. ऐसे में भविष्य में उनसे भी कोई ख़ास उम्मीद करना संभव नहीं होगा..