- परिवार शांति के लिये दी बालक की बलि
- लखनपुर तुंगा के रेण नदी में मिला था बालक का शव
- इंसानियत को शर्मसार करने वाली एक और घटना
अम्बिकापुर
लखनपुर थाना क्षेत्र के ग्राम तुंगा में 13 मई को रेण नदी के किनारे मिले बालक के शव के मामले में पुलिस ने आज उसकी गुत्थी सुलझा ली है। मामले में गिरफ्तार किये गये दो आरोपियों से यह खुलासा हुआ है कि वे परिवार शांति के लिये उस बालक की बलि दिये थे। अंधविश्वास के इस मिथक का खुलासा होने के बाद क्षेत्र में सनसनी फैल गई है। आज भी लोग अंधविश्वास में जकड़कर इस प्रकार की जघन्य हत्या करने से भी पीछे नहीं हैं।
ग्रामीणों ने जताई थी नरबली की आशंका
जानकारी के अनुसार 13 मई को लखनपुर थाना क्षेत्र के ग्राम तुंगा रेण नदी के किनारे एक बालक का शव ग्रामीणों की सूचना पर पुलिस ने बरामद किया था। ग्रामीणों ने आंशका जताई थी कि यह नरबलि से संबंधित मामला है। दूसरे दिन बालक की शिनाख्त कोरबा जिले के ग्राम कुंदरू चिगार थाना लेमरू निवासी सूरज पिता चमरू धनवार उम्र 12 वर्ष के रूप में की गई थी। पुलिस की पूछताछ के दौरान यह पता चला कि मृतक सूरज को तुंगा निवासी विफन पैकरा बहला-फुसलाकर अपने साथ ग्राम तुंगा ले आया था। संदेही शिवचरण पैकरा व उसके बड़े बेटे भरत पैकरा ने बताया कि मेरा बेटा विफन बुधवार 11 मई को रात्रि के समय उक्त बालक को नरबलि देने के नीयत से घर लेकर आया था। दूसरे दिन गुरूवार को सुबह जंगल में ले जाने के बाद रात्रि के समय विफन वापस बच्चे को घर लेकर आया था। घर में उस वक्त मौजूद शिवचरण पैकरा, उसकी पत्नी रम्मी व उसके दोनों बेटे भरत व विफन घर में शांति के लिये देवता को प्रसन्न करना चाहते थे। इसी उद्देश्य से घर में अनुष्ठान कर बालक सूरज की बलि चढ़ा दी गई। बलि देते समय शिवचरण का छोटा बेटा धारदार हथियार से बालक का गला काटा और फिर बायें हाथ को भी काट डाला। उसके इस काम में उसके पिता शिवचरण ने भी सहयोग किया। इस बलि को देते समय भरत व रम्मी बाई दोनों वहीं खड़े थे।
बोरे में डालकर नदी में फेका शव
बलि देने के पश्चात बालक के शव को बोरे में लपेटकर रेण नदी के किनारे ले जाकर फेक दिया गया था। मामले में पुलिस ने आरोपी शिवचरण पैकरा व भरत पैकरा को गिरफ्तार कर लिया गया है जबकि अन्य आरोपी रम्मी बाई व विफन पैकरा अभी फरार हैं। पुलिस ने हत्या के साथ-साथ नरबलि होने के कारण अन्य धाराओं के तहत कार्यवाही की है।