जेसीसी मे भगदड : निर्दलीय चुनाव लडेंगे मुन्ना टोप्पो : कहा पार्टी के कुछ नेता नही चाहते है कि अमरजीत चुनाव हारे …

अम्बिकापुर . बसपा से गठबंधन के बाद अपनी मजबूती का राग अलपाने वाली जनता कांग्रेस छत्तीसगढ मे बगावत का दौर शुरु हो गया है. अंतिम दौर के टिकट बंटवारे के बाद सरगुजा जिले की सीतापुर विधानसभा मे पार्टी मे फूट के आसार साफ दिखने लगे है. दरअसल पार्टी ने पहले यहां से जिसे अपना प्रत्याशी बनाया था . उसने निर्दलीय प्रत्याशी के रुप मे चुनाव लडने का एलान कर दिया है. ऐसा इसलिए कि जेसीसी ने यहां से प्रत्याशी बदल दिया है. जिसके बाद बगावत के स्वर तेज हो गए हैं.

जनता कांग्रेस छत्तीसगढ ने जबसे बहुजन समाज पार्टी से गठबंधन करके चुनाव लडने का एलान किया है. तब से पार्टी की ताकत बढने के कयास लगाए जाने लगे थे. लेकिन टिकट वितरण के बाद पार्टी मे साफ तौर पर बगावत देखी जाने लगी है. ऐसा ही मामला सरगुजा की सीतापुर विधानसभा सीट मे देखने को मिल रहा है. जहां से पहले जनता कांग्रेस छत्तीसगढ ने मुन्ना टोप्पो का अपना प्रत्याशी तय किया. लेकिन नाम तय होने के कुछ दिन बाद ही पार्टी आलाकमान ने मुन्ना टोप्पो की जगह सेतराम को अपना प्रत्याशी घोषित कर दिया. जबकि मुन्ना टोप्पो पिछले कई महीने से क्षेत्र मे दमखम से अपना प्रचार प्रसार कर रहे थे. हांलाकि अब पार्टी आलाकमान के इस निर्णय के बाद जोगी कांग्रेस मे बगावत शुरु हो गई है और मुन्ना टोप्पो ने सीतापुर विधानसभा सीट से निर्दलीय प्रत्याशी के रुप मे चुनाव लडने का मन बना लिया है.

  • इस समाज मे है अच्छी दखल

जनता कांग्रेस से बगावत करने वाले मुन्ना टोप्पो वर्तमान मे जिला पंचायत के सदस्य और मसीही समाज मे अच्छी दखल रखने वाले क्षेत्र के नेता है और अनुमान ये लगाया जा रहा था कि मुन्ना अगर जेसीसी से चुनाव लडते तो वो कांग्रेस के लिए मुसीबत बन सकते थे. क्योकि जिस समाज के वोट पर मुन्ना की अच्छी पकड है वो पहले कांग्रेस के खाते मे जाता रहा है. और मुन्ना के चुनाव नही लडने से इसका सीधा फायदा कांग्रस को हो सकता था.  लेकिन अब जब मुन्ना टोप्पो ने निर्दलीय चुनाव लडने का एलान कर दिया है तो ऐसे मे इसका सीधा फायदा भाजपा को मिलने की संभावना है.

  • मुन्ना का गंभीर आरोप .

निर्दलीय चुनाव लडने की बात कहने वाले मुन्ना टोप्पो ने जनता कांग्रेस छत्तीसगढ के कुछ नेताओ पर गंभीर आरोप लगाए है. मुन्ना के मुताबिक सरगुजा मे पार्टी के कुछ बडे नेताओ के आज भी कांग्रेस प्रत्याशी और तीन बार से विधायक अमरजीत भगत से गहरे संबध है . जो नही चाहते है कि मुन्ना की वजह से अमरजीत को नुकसान हो . लिहाजा उन लोगो ने मेरा नाम कटवा दिया है. गौरलतब है कि अमरजीत भगत और अजीत जोगी के संबध गुरु शिष्य वाले रहें है. लेकिन पार्टी बनाने के बाद अमरजीत ने कांग्रेस का हाथ नही छोडा और जोगी ने नई पार्टी बना ली. जिसके बाद से सीतापुर की राजनीति मे तरह तरह की समीकरण की चर्चा भी तेज हो गई थी. और जिसका सीधा असर अब चुनाव के समय देखने को मिल रहा है.