मुख्यमंत्री ने किया ‘बस्तर नेट परियोजना’ का भूमिपूजन कर कहा मील का पत्थर साबित होगी परियोजना

लगभग साठ करोड़ रूपए की लागत से बिछाया जाएगा 836 किलोमीटर लम्बा ऑप्टिकल फाईबर केबल

बस्तर में मिलेगी तीव्र गति की मोबाईल इन्टरनेट सेवा

रायपुर/जगदलपुर

मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने आज बस्तर संभाग के मुख्यालय जगदलपुर में राजस्व संभाग के सभी सात जिलों में बेहतर इन्टरनेट  कनेक्टिविटी के लिए ‘बस्तर नेट परियोजना’ का भूमिपूजन किया। इस परियोजना के अन्तर्गत लगभग साठ करोड़ रूपए की लागत से 836 किलोमीटर लम्बा ऑप्टिकल फाईबर केबल बिछाया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह कार्य एक वर्ष में पूरा कर लिया जाएगा। उन्होंने बताया कि यह परियोजना राज्य सरकार के बजट से क्रियान्वित की जा रही है। शासकीय बहुउदेशीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के प्रांगण में आयोजित इस कार्यक्रम में आदिम जाति कल्याण मंत्री श्री केदार कश्यप, लोकसभा सांसद श्री दिनेश कश्यप और छत्तीसगढ़ राज्य युवा आयोग के अध्यक्ष श्री कमलचंद भंजदेव सहित अनेक जनप्रतिनिधि उपस्थित थे।
राज्य का बस्तर संभाग वन क्षेत्र से परिपूर्ण है। जहां भौगोलिक परिस्थिति विपरीत होने के कारण लोगों को अनेक कठिनाईयों का सामना करना पड़ता है। इसी बात को ध्यान रखते हुए शासन ने मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के निर्देश पर अत्याधुनिक ’बस्तर-नेट परियोजना’ की परिकल्पना की है। यह परियोजना देश में अपनी तरह की अनूठी होगी जिससे बस्तर संभाग के सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र में नये क्रांति की शुरूआत होगी। इस योजना के द्वारा बस्तर में राज्य सरकार का अपना र्डििजटल इंफरमेशन हाईवे तैयार होगा। मोबाईल इंटरनेट सेवा आम नागरिकांे के जीवन के प्रत्येक क्षेत्र को प्रभावित करती है। इस परियोजना के माध्यम से बस्तर के जन-जन तक निर्बाध और तीव्र गति की मोबाईल इंटरनेट सेवा पहुंचाना शासन का प्रमुख लक्ष्य है।

इस योजना के तहत बस्तर के सुदूर क्षेत्रांे में 60 करोड़ की लागत से 836 किलोमीटर लम्बी ऑप्टिकल फाईबर केबल बिछायी जायेगी। बस्तर संभाग के समस्त 7 जिलों में इस योजना के द्वारा कनेक्टिविटी प्रदान की जायेगी। आवश्यकता के अनुसार इसे तहसील स्तर तक पहुंचाया जायेगा। इस योजना के अंतर्गत लगाये जाने वाले ऑप्टिकल फाईबर केबल को रिंग पद्धति से बिछाया जायेगा, ताकि किसी एक मार्ग पर केबल कटने की दशा में दूसरे  केबल से निर्बाध रूप से मोबाईल कनेक्टिविटी तथा इंटरनेट सेवा प्रदान की जा सके। इसमें से एक रिंग 405 किलोमीटर और दूसरा रिंग 421 किलोमीटर लम्बा होगा। बस्तर के स्वास्थ्य संकेतकों में सुधार होगा। 108 एवं 102 जैसी सुविधाओं का संचालन और भी प्रभावी तरीके से किया जा सकेगा। यह योजना डिजिटल इंडिया की ओर एक मजबूत कदम साबित होगा। इस योजना से बस्तर के किसानों को आई.टी. क्षेत्र के लाभ मिलेगें। कृषि उत्पादन, मृदा संबंधी विवरण और बिक्री मूल्य का तुलनात्मक अध्ययन कर किसान अपने उत्पादों का श्रेष्ठ मूल्य प्राप्त कर सकेंगे।

इस कनेक्टिविटी से क्षेत्र के दूरसंचार घनत्व में वृद्धि होगी, नेटवर्क के विस्तार से दूरसंचार ऑपरेटर्स वाईस तथा डेटा सेवाओं को प्रदान करेंगे, जिससे क्षेत्र के उद्यम को बढ़ावा मिलेगा। इस योजना के द्वारा बस्तर संभाग के छात्र-छात्राओं को शिक्षा के क्षेत्र में भी लाभ मिलेगा। राज्य शासन द्वारा संचालित सेतू तथा वर्चुअल एजुकेशन परियोजनाओं का लाभ भी बस्तर के लोगों को मिलेगा। योजना के द्वारा बस्तर संभाग के दंतेवाड़ा एजुकेशन सिटी और लाईवलीहुड कॉलेज को तीव्र गति की मोबाईल-इंटरनेट कनेक्टिविटी प्राप्त होगी, जिससे बस्तर के युवाओं को मेट्रो सिटी के छात्र-छात्राओं की तरह राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा के लिए समान अवसर प्राप्त होगा, साथ ही शिक्षकों एवं छात्रों के लिए सभी प्रकार के ई-प्रशिक्षण सामग्री क्लाउड द्वारा उपलब्ध होगी। शासकीय सेवाओं में पारदर्शिता, जिम्मेदारी और त्वरित बदलाव आयेगा। लोक सेवा केन्द्र के अंतर्गत प्रदान की जा रही सेवाओं के अलावा अनेक ई-शासन योजनाओं का संचालन इस योजना के माध्यम से किया जायेगा। इस योजना से सरकारी कर्मचारियों को तकनीकी रूप से उन्नयन होगा। योजना के संकलित डेटाबेस में वांछित विवरण होगा, जिससे सरकारी कर्मचारियों के प्रदर्शन, सुरक्षा, आदि का सुप्रबन्धन किया जा सकेगा।