रायपुर (कृष्णमोहन कुमार) राज्य सरकार ने हाल ही के दिनों में तत्कालीन महासमुन्द सीएसपी रहे प्रशिक्षु आईपीएस यू उदय किरण और प्रदेश के इकलौते निर्दलीय विधायक विमल चोपड़ा के तकरार के मामले में तौबा कर ली है..सरकार ने ठीक मानसून सत्र के पहले प्रशिक्षु आईपीएस यू उदय किरण का तबादला एसटीएफ मुख्यालय बघेरा कर दिया है..इसी बीच सूबे के मुखीया के एक बयान से राजनीतिक गलियारों में हड़कम्प मच गया है..और सीएम के निशाने पर अब निर्दलीय विधायक विमल चोपड़ा है..
दरसल हाल ही के दिनों में महासमुन्द में विधायक विमल चोपड़ा और प्रशिक्षु आईपीएस उदय किरण के बीच जमकर तकरार हुई थी.तथा पुलिस पर पथराव के बाद पुलिस ने बल प्रयोग भी किया था..और इस घटना में दर्जनभर पुलिसकर्मियों समेत विधायक और उनके समर्थक घायल हुए थे…
वही इस मामले ने समूचे प्रदेश में सुर्खियां बटोरी मामला भले ही जो भी रहा हो पर सीएसपी उदय किरण की जमकर आलोचनाए हुई थी..निर्दलीय विधायक के समर्थन में कांग्रेस ही नही भाजपा नेताओं ने भी सीएम को यू उदय किरण को महासमुन्द से हटाने पत्र लिखा था..इतना ही नही विधायक विमल चोपड़ा ने लोकतंत्र की हत्या का आरोप लगाते हुए विधानसभा के मानसून सत्र में अपने विधायकी से इस्तीफा देने की चेतावनी तक दी थी..
राजधानी रायपुर के पड़ोसी जिले में हुई लाठीचार्ज की घटना ने प्रदेश के कई मंत्रियों का ध्यान आकर्षित किया था..और खुद मुख्यमंत्री डॉक्टर रमन सिंह ने घटना का ब्यौरा मांगा था..जिसके बाद तत्कालीन सीएसपी और विधायक के बीच हुई तकरार को लेकर न्यायिक जांच कमेटी बनाई गई थी..इसी बीच राज्य सरकार ने मानसून सत्र के पहले प्रशिक्षु आईपीएस यू उदय किरण का ट्रांसफर कर दिया..आईपीएस उदय किरण के ट्रांसफर के बाद विधायक विमल चोपड़ा ने सरकार के इस कार्यवाही पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा था,की ऐसे अधिकारियों को मामले की जंचतक सस्पेंड किया जाना चाहिए..तो वही अब सूबे के मुखिया ने इस मामले में कहा की “गलती दोनों पक्षो की रही होगी..कभी भी एक पक्ष दोषी नही होता है..मामले की जांच जारी है.”