बलरामपुर.. (कृष्णमोहन कुमार)..सूबे में लगातार तीन बार सत्ता में रही भाजपा इस बार फिर से सूबे की कमान सम्हालने को आतुर है..वही खुद प्रदेश के तीन बार सीएम रहे डां रमन सिंह ने चुनाव प्रचार की कमान सम्हाली हुई है..इतना ही नही इस बार के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने अधिकांश विधानसभा चुनाव हारे प्रत्याशियों पर दांव लगाया है.. तो कांग्रेस के कुछ प्रत्याशी तो लंबे अंतराल के बाद भी चुनाव मैदान छोडकर वोटरों को हैरत मे डाल गए हैं.
दरसल सरगुजा सम्भाग में 2013 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने अविभाजित सरगुजा के तीन जिलों की आठ विधानसभा मे महज 1 सीट अपनी झोली मे डाल पाई थी. गनीमत ये थी पूरे संभाग मे कोरिया और जशपुर की बदौलत संभाग की 14 सीटों मे दोनो दलो को 7-7 सीटे मिली थी .बावजूद इसके भाजपा ने इस बार भी कुछ सीटों पर हारे हुए नेताओ पर दांव खेला है ..जिनमे सामरी विधानसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी सिद्धनाथ पैकरा का नाम भी शामिल है..
गौर करने वाली बात है कि सिध्दनाथ पैकरा सामरी सीट से दो बार विधायक रह चुके है..लेकिन2013 के चुनाव में सिध्दनाथ को कांग्रेस के डॉक्टर प्रीतम राम ने 15 हजार से ज्यादा वोटों से हराया था .लेकिन इस बार भाजपा ने सिध्दनाथ पैकरा को फिर चुनाव मैदान में उतारा है..पर कांग्रेस ने एक हैरान करने वाले प्रयोग के तौर पर इस सीट पर अपना प्रत्याशी बदलते हुए लुण्ड्रा विधायक चिंतामणि कंवर को अपना प्रत्याशी बना दिया है. जबकि सामरी छोडकर लुण्ड्रा से प्रत्याशी बनाए गए प्रीतम राम ने रिकार्ड मतों से सिद्दनाथ पैकरा को हराया था. लेकिन ऐसा लगता है कि शायद सामरी मे कांग्रेस विधायक के खिलाफ बनी एंटी इनकमवेंसी को दूर करने कांग्रेस ने प्रत्याशी बदल राजनीति आजमाई होगी. जिससे दोनो विधानसभा मे इसका लाभ मिल सके.
भाजपा की टिकट ने भी चौंकाया.
भाजपा में जिस दिन सिद्दनाथ पैकरा की टिकट फाईनल हुई.. उस समय प्रत्याशी रिपीट करने का कुछ स्थानीय नेताओं ने खुलकर विरोध भी किया था. पर पार्टी आलाकमान के सामने किसी की एक ना चली.. और अब सिध्दनाथ पैकरा के लिए वोट मांगने खुद सूबे के मुखिया डॉक्टर रमन सिंह 13 नवम्बर को शंकरगढ़ में चुनावी सभा को सम्बोधित करने जा रहे है..
बहरहाल सियासी फिजा के बदले समीकरण में सीएम की सभा का असर सामरी सीट की जनता पर कितना पड़ेगा और पेशे से शिक्षक रहे भाजपा प्रत्याशी सिध्दनाथ पैकरा को इसका कितना लाभ मिलेगा यह मतगणना के बाद ही पता चल सकेगा. क्योंकि लडाई रोचक भी हो सकती है.