सूरजपुर…जिले में डाइट की स्थापना को लेकर छत्तीसगढ़ पंचायत नगरीय निकाय शिक्षक संघ के प्रदेश उपाध्यक्ष एवं संभागीय प्रभारी हरेन्द्र सिंह , प्रदेश महामंत्री रंजय सिंह ने संघ के अन्य प्रतिनिधियों के साथ माननीय मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह से मुलाकात कर संविलियन के ऐतिहासिक निर्णय हेतु आभार व्यक्त करते हुए विसंगतियों की ओर ध्यानाकर्षण कराया साथ ही अन्य स्थानीय समस्याओं के निराकरण के साथ साथ अम्बिकापुर में शिक्षा महाविद्यालय तथा सूरजपुर और बलरामपुर में जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्था (डाईट) की स्थापना की भी मांग की जो कि संभाग के शैक्षणिक विकास की दृष्टि से अत्यंत आवश्यक किन्तु उपेक्षित विषय रहा है , इस पर स्थानीय जनप्रतिनिधियों से भी सकारात्मक पहल करने की मांग की गई।
विदित हो कि नया जिला गठन के बाद से जिले में जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान अभी तक आरम्भ नही किया गया है सूरजपुर जिले के शिक्षकों को प्रशिक्षण हेतु कोरिया डाइट जो बैकुंठपुर शहर से बाहर सलका में स्थित है जाना पड़ता है जिसमें सबसे ज्यादा दिक्कत शिक्षिका वर्ग को होता है जिले के प्रतापपुर बिकास खण्ड के शिक्षकों को सैकड़ो किलो मीटर की दूरी तय करना पड़ता है साथ ही जिले के पढ़े लिखे युवाओं को भी डीएड करने दूसरे जिले में अध्ययन हेतु निर्भर रहना पड़ रहा है अभी जिले के प्राथमिक शाला में बीएड डिग्रीधारी शिक्षकों का ब्रिज कोर्स करने हेतु डाइट कोरिया जाना पड़ेगा ।
छत्तीसगढ़ पंचायत नगरीय निकाय शिक्षक संघ के प्रदेश महामंत्री रंजय सिंह ने बताया कि नव जिला गठन होने के बाद से सभी कार्यालय नया स्थापित किया गया परन्तु जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान अभी तक आरम्भ नही किया गया है जिससे जिले में पदस्थ शिक्षकों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है ,यही स्थिति बलरामपुर जिले के शिक्षण की भी है।अतः दोनों जिलों में जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान खोला जाना अत्यंत आवश्यक है गौरतलब है कि डाईट संस्थाएं जिले के शैक्षिक विकास में महत्वपूर्ण भागीदारी निभाती हैं अतः इनके स्थापना से जिले की शिक्षा व्यवस्था मजबूत होगी।
उन्होनें अम्बिकापुर में शिक्षा महाविद्यालय की स्थापना की मांग करते हुए बताया कि प्रदेश में केवल दो ही शासकीय महाविद्यालय बिलासपुर एवं रायपुर में हैं जिनमें सीमित सीट होनें की वजह से सरगुजा अंचल के शिक्षकों को पूरा लाभ नहीं मिल पाता चूंकि अम्बिकापुर में पूर्ण सुविधा उक्त डाईट केंद्र अस्तित्व में हैं जिसका उन्नयन कर सीमित संसाधनों के साथ शिक्षा महाविद्यालय खोला जा सकता है इससे सरगुजा संभाग के शिक्षकों का काफी सुविधा होगी।