सड़क निर्माण में अक्षम साबित हुई राज्य सरकारः बिस्सा, प्रवक्ता पीसीसी

 

  • निर्धारित लक्ष्य से कोसों दूरए मात्र 39.80 प्रतिशत सड़कें ही बना सके

रायपुर

छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता राजेश बिस्सा ने कहा की छत्तीसगढ़ में प्रधानमंत्री सड़क योजना के तहत बनने वाली सड़कों की गति बेहद धीमी व गुणवत्ताहीन है। यही हाल रहा तो छत्तीसगढ़ विकास के सपने से कोसों दूर रह जायेगा तथा राज्य सरकार को दिल्ली स्थित निजी संगठनों से पुरस्कार लाकर झूठी वाहवाही ही करवाकर ही संतोष करना पड़ेगा।
बिस्सा ने राष्ट्रीय ग्रामीण विकास एजेंसीए भारत सरकार के द्वारा दिनांक 19 फरवरी 2014 छत्तीसगढ़ सरकार को लिखे पत्र को जारी करते हुए बताया की छत्तीसगढ़ प्रधानमंत्री सड़कों के निर्माण की दिशा में मात्र 39ण्80 प्रतिशत लक्ष्य ही प्राप्त कर सका है। छत्तीसगढ़ को वर्ष 2013.14 के जहां निर्धारित टारगेट के अनुरुप 1900 किलोमीटर रोड़ का निर्माण करना था वहां वह मात्र 756 कि॰मी॰ सड़कों का ही निर्माण कर सकी। उन्होने कहा की स्वीकृत सड़कों के निर्माण की ऐसी धीमी गति चिंता का कारण है।
बिस्सा ने कहा की सड़कों की गुणवत्ता को लेकर भी राज्य सरकार बेपरवाह रही है यही कारण है कि निर्माणधीन सड़कें भारी घोटाले व भ्रष्टाचार की शिकार होकर रह गयी है। प्रदेश के आदिवासी क्षेत्रों में प्रधानमंत्री सड़कों का बुरा हाल है। राज्य सरकार का इन क्षेत्रों के प्रति नजरिया मात्र लूट मचाना है। नेशनल क्वालिटि मॉनिटर ने अपनी जांच में पाया की बस्तर में 75 प्रतिशतए दंतेवाड़ा में 70 प्रतिशतए कांकेर में 51 प्रतिशतए सरगुजा में 68 प्रतिशत व नारायणपुर में 85 प्रतिशत सड़कें गुणवत्ता के अनुरुप नहीं है।
राज्य सरकार ने इस भ्रष्टाचार के कारण आदिवासी क्षेत्र बस्तर में 348 करोड़ए दंतेवाड़ा में 69 करोड़ए कांकेर में 86 करोड़ए नारायणपुर में ‍19 करोड़ तथा सरगुजा में 430 करोड़ कुल मिलाकर लगभग 952 करोड़ की सड़कें गुणवत्ताहीन बन गयी। यही सब कारण है कि केंद्र सरकार के पूरे सहयोग व प्रयासों के बाद भी आदिवासी अंचल विकास की ऊंचाईयों को नहीं छू पा रहा है तथा नक्सलवाद के दलदल में फंसता जा रहा है।
बिस्सा ने कहा की राज्य सरकार को चाहिये की सूदूर ग्रामीण वनांचल में सड़कों के निर्माण के प्रतिबद्धता के साथ कराये जिससे विकास के अवसरों से जुड़ने का प्रदेश के अंतिम छोर पर बैठे हमारे वनांचल वासियों को भी मिल सके। साथ ही भ्रष्ट व कर्तव्यहीन अधिकारियों पर दण्डात्मक कार्यवाही करे जिससे की भविष्य में गुणवत्ताहीन व धीमी गति से बन रही सड़कों के निर्माण पर रोक लग सके।