बलरामपुर कृष्ण मोहन कुमार- “बड़ा ही अदभुत छण था साहब! जिनसे मिलने कई दौर के सुरक्षा अधिकारियों से गुजरना पड़ता था, वही आज मेरे ई रिक्शा में बैठकर गए,मैं तो धन्य थी जब सीएम मेरे आटो में बैठे, और उन्होंने मुझे मेहनताने के रूप में 100 रुपये भी दिए,ये नारी सशक्तिकरण नही तो और क्या है”
यह कहना उस महिला का है,जिसने अपने ससुराल की दहलीज लांघ कर दो वक्त की मेहनत की रोटी की जुगाड़ करने की कसम खाई थी,जिसे जिले के कलेक्टर अवनीश कुमार शरण के अभिनव पहल पर स्वयं प्रदेश के यसस्वी मुख्यमंत्री डॉक्टर रमन सिंह ने ई रिक्शा की चाबी सौपी थी।
यह मौका था आज के समाधान शिविर नगरा का जहाँ सीएम मौजूद थे,उन्होंने इस शिविर में डेढ़ घण्टे बिताए ,मुख्यमंत्री डॉक्टर रमन सिंह ने राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत बने 22 महिला स्वसहायता समूहों को 22 ई रिक्शा वितरित की ,मुख्यमंत्री ने स्वसहायता समूह की महिलाओं से संक्षिप्त चर्चा भी की,और एकाएक मुख्यमंत्री ग्राम पंचायत नगरा निवासी अर्पणा बाली के ई रिक्शे पर सवार हो गए,अर्पणा ने भी बतौर ई रिक्शा चालक की भूमिका अदा करते हुए मुख्यमंत्री को समाधान शिविर के आसपास की शैर करा दी,ई रिक्शा से उतरते ही सीएम गदगद हो उठे और उन्होंने ई रिक्शा में सफर के किराए के रूप में अर्पणा को 100 रुपये दिए,जिसके बाद तो वह खुशी से फुले नही समा रही थी ,उसने सीएम के पैर छुए आशीर्वाद लिया ,और कहा यह नारी सशक्तिकरण ही तो है।