अम्बिकापुर जल संसाधन विभाग के सचिव सोनमणी बोरा ने छत्तीसगढ़ के शिमला के नाम से विख्यात सरगुजा जिला के मैनपाट को मध्यप्रदेश के अमरकंटक की तरह विकसित करने के लिए एक माह के भीतर ब्लू-प्रिंट तैयार करने के निर्देष जल संसाधन विभाग के अधिकारियों को दिए हैं। श्री बोरा ने यह निर्णय सरगुजा के संभागीय मुख्यालय अम्बिकापुर में सम्पन्न विभागीय अधिकारियों की संभागीय बैठक में कमिष्नर अविनाष चम्पावत के साथ लिए। जल संसाधन विभाग के सचिव ने छततीसगढ़ में संभागीय समीक्षा बैठक सबसे पहले सरगुजा संभाग में लेने यहां आए हुए थे।
छतीसगढ़ की सीमा पर स्थित अमरकंटक को छत्तीसगढ़ में शामिल किये जाने की मंशा तत्कालीन मुख्य मंत्री की थी लेकिन सरकार बदलने के बाद इस दिशा में कोई खास पहल नहीं की गई.. जबकी मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ दोनों में ही भाजपा की सरकारे है.. बावजूद इसके आदिवासी बाहुल्य अनूपपुर व शहडोल के कुछ हिस्सों को छत्तीसगढ़ में शामिल करने के प्रयास नहीं हो सके.. लेकिन इस अब इस सपने को सरगुजा में साकार करने का विचार जलसंसाधन विभाग के सचिव ने किया है ,और इसके लिए जल संसाधन विभाग के सचिव श्री बोरा ने मुख्य अभियंता जल संसाधन इन्द्रजीत उईके को निर्देषित किया कि मैनपाट के प्राकृतिक सौन्दर्य को निखारने के उद्देष्य से जल संवर्धन के लिए सभी आवष्यक उपाय किए जाएं।
उन्होंने कहा कि मैनपाट की पहाड़ियों में नदी-नालों की बहुलता है, लेकिन अधिकांष नदी-नाले गर्मी के दिनों में सूख जाते हैं। उन्होंने विभागीय अधिकारियों से कहा है कि मैनपाट में नैसर्गिक रूप से बहने वाली नदी-नालों में उपयुक्त स्थानों का चयन कर पर्याप्त संख्या में चेक डेम बनाने संबंधी ब्लू-प्रिंट एक माह के भीतर प्रस्तुत करें। श्री बोरा ने कहा कि मैनपाट में जल संरचनाओं के विकास से मैनापाट की सुन्दरता में और निखार आएगी। इसके साथ ही फसलों की सिंचाई के लिए पानी मिल सकेगा और कुछ स्थानों पर सौर ऊर्जा के माध्यम से भी सिंचाई हो सकेगी, जिससे कृषि कार्यो को तो बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने कहा है कि इसके साथ ही इससे निस्तार की सुविधा भी मिलेगी और इस क्षेत्र की हरियाली में भी वृद्धि होगी तथा पर्यटन की दृष्टि से लोगों के आकर्षण का केन्द्र बनेगा। श्री बोरा ने अधिकारियों को शीघ्र कार्य-योजना को क्रियान्वित करने के निर्देष दिए हैं।