भटगांव (बिट्टू सिंह राजपूत) SECL भटगांव क्षेत्र की लापरवाही एक बार फिर से उजागर हुई है, दुग्गा ओपन कास्ट कोयला खदान करीब तीन वर्ष पहले बंद कर दिया गया, मगर कोयला निकालने के बाद से वहा SECL भटगांव उस जगह को सुरक्षित करना शायद भूल गया था, जिस वजह से एक महिला की आज उस बंद खदान मे मौत हो गई।
मिली जानकारी के अनुसार शुक्रवार कि सुबह अनरोखा निवासी चमेली राजवाडे पती धर्मराज राजवाडे उम्र 22 वर्ष सुबह बंद खदान से कोयला लेने गई थी, जहा कई अन्य महिला पुरूष भी थे, सभी बंद खदान मे सुरंग बना कर कोयला निकाल रहे थे इसी बीच उपर से पथ्थर का एक बडा चट्टान महिला के उपर गिर गया जिसके नीचे दबने से मौत हो गई, साथ मे रहे अन्य महिलाये भागने मे सफल रही, जानकारी के मुताबिक महिला की शादी चार वर्ष पहले हुई थी, और पती कृषि का कार्य करता है, वह सुबह घरेलु उपयोग के लिऐ कोयला लेने गई थी। इसी बीच एक बडा चट्टान उसके उपर गिर गया, साथ मे अन्य लोगो ने घर वालो को सुचना दी जिसके बाद गाव वाले पुलिस को इसकी जानकारी दीये, भटगांव पुलिस क्रेन JCB ,के सहारे रेस्क्यू कर मृत महिला के शरीर को बाहर निकाला, शव पुरी तरह से क्षत विक्षत स्तिथी में है।
नही है कोई सुरक्षा का इंतजाम –
बन्द पड़ी दुग्गा ओ.सी.एम. खदान में SECL की लापरवाही के कारण एक महिला कि जान चली गई, ग्रामिणों का आरोप है कि SECL कोयला निकालने के बाद से इस ओर सुरक्षा का कोई पुख्ता इंतजाम नही किया और पूरा डेंजर जोन क्षेत्र को खुला छोड दिया जिसका परिणाम है कि ग्रामीण घर मे जलाने के लिऐ कोयला लेने नीचे पोखरी में जाते है, जब बंद खदान है तो यहा सुरक्षा का पुख्ता इंतजाम SECL को करना था जिससे उस खदान मे कोई प्रवेश ना करे, मगर यहा तो कोयला निकालने के बाद SECL इस ओर किसी तरह का पुख्ता इतजाम नही किया, जिससे प्रतिबंधित क्षेत्र मे लोगो को जाने से रोका जा सके। आज बन्द हो चुके खदानों से कई आम रास्ते बन गये है, अशिक्षित ग्रामीण बेखबर मौत से भरे रास्तो से चलते रहते है। लेकिन प्रबंधन द्वारा कोई उपाय नही किया जा रहा, नियम अनुसार बन्द पड़े खदानों में मिट्टी डाल कर समतल करना होता है, वृक्ष रोपण किया जाता है, लेकिन लापरवाही की हद पार करते भटगॉव क्षेत्र प्रबंधन ने बन्द पड़ी खदानों में किसी प्रकार के कोई पुख्ता इंतजाम नही किया है।
करोडो का खर्च कर हुआ है बाउड्रीवाल वह भी चढ़ गया भ्रष्टाचार की भेंट-
SECL के द्वारा सुरक्षा के नाम पर करोडो खर्च कर उस क्षेत्र को बाउड्रीवाल तो कराया है, लेकिन वह बाउड्रीवाल भ्रष्टाचार की भेट चढ़ गया है , गौरतलब है कि यहा के दो अधिकारी दो -तीन वर्ष पहले एंटी क्रप्सन ब्यूरो के हत्थे रंगे हाथ रिस्वत लेते गिरफ्तार भी हो चुके है, जिनके उपर कार्यवाही भी हो चुकी है। यदी बाउड्रीवाल के काम को सही तरिके से कराया गया होता तो शायद ग्रामीण उस ओर नही जाते और इतना बडा हादसा भी नही हुआ होता, बताया यह भी जा रहा है की इस बाउड्रीवाल मे खदान के ही चट्टान को निकाल कर पुरे बाउड्रीवाल मे उपयोग किया गया है, जिससे यहा अधिकारियों व ठेकेदार की मिलीभगत से यह बाउड्रीवाल भ्रष्टाचार की भेट चढ़ गई है।