बलरामपुर (कृष्णमोहन कुमार) जिले के धनगांव ग्राम पंचायत को निर्मल ग्राम घोषित हुए 12 वर्ष बीत चुके है,और हाल ही में इस गाँव को ओडीएफ घोषित भी कर दिया गया है, बावजूद इसके गाँव में बने शौचालयों का स्तर बद से बदतर हो चला है, जिसका खामियाजा ग्रामीणों को भुगतना पड़ रहा है,और गाँव की महिलाएं आज भी खुले में शौच जाने पर मजबूर है।
निर्मल गाँव के ग्रामीण आज भी जाते है खुले में शौच
बलरामपुर ब्लाक के धनगांव पंचायत को वर्ष 2005 में निर्मल भारत अभियान के तहत निर्मल ग्राम घोषित किया गया था,और बकायदा ग्राम पंचायत को केंद्र सरकार ने पुरस्कृत किया था,लेकिन सरकार के जिम्मेदार नुमाइंदो ने मैदानी अमले की करतूतों पर पर्दा डालते हुए इस गाँव की अनदेखी कर दी,और यह गाँव अपने हाल पर ही रह गया,मौजूदा दौर में हालात यह है,की गाँव के ग्रामीण आज भी खुले में शौच जाने को मजबूर है।
निर्मल भारत योजना में भी करप्शन
ग्राम पंचायत धनगांव में जब निर्मल भारत अभियान के तहत 100 से अधिक शौचालय निर्माण की स्वीकृति मिली थी,और तत्कालीन सरपंच सचिवो की अनदेखी के चलते निर्माण एजेंसी के द्वारा गाँव मे शौचालय निर्माण के नामपर गड्ढे खोदकर सीट लगा दिए गए थे ,इसके अलावा ग्रामीणों को अपना शौचालय खुद बनाये जाने की हिदायत दी गई थी,और ग्रामीणों ने जैसे तैसे शौचालयों का निर्माण किया था,लेकिन वे शौचालय अब जीर्णशीर्ण स्थिति में है।
ग्राम पंचायत की लापरवाही से एसबीएम के तहत नही मिली शौचालय की स्वीकृति-धीरज
निर्मल ग्राम में स्वच्छ भारत मिशन के तहत शौचालय निर्माण की स्वीकृति पंचायत स्तर के कर्मचारियों की लापरवाही से नही मिल पाई है,जबकि पंचायत से प्रस्ताव बनाने पर स्वच्छ भारत मिशन के तहत शौचालय निर्माण की स्वीकृति मिल सकती थी,वही अब क्षेत्र के जिला पंचायत सदस्य धीरज सिंहदेव भी इस पूरे मामले की शिकायत स्थानीय जिला प्रशासन से करने के मूड दिख रहे है।
निर्मल गाँव के शौचालय जर्जर
दरसल केंद्र सरकार ने पूर्व में निर्मल भारत अभियान के तहत देश के गांवों में शौचालय निर्माण कराने मुहिम छेड़ी थी,और इस निर्मल भारत अभियान के लिए ,लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग को कार्य एजेंसी बनाया गया था,और अविभाजित सरगुजा जिले के धनगांव को निर्मल ग्राम का दर्जा दिया गया था।
शौचालयों की एक बार फिर होगी समीक्ष कलेक्टर
वही अब जिला प्रशासन ने धनगांव पंचायत को ओडीएफ घोषित कर दिया है,जिसकी औपचारिकता ही मात्र शेष रह गई है,तथा कलेक्टर अवनीश कुमार शरण अब गाँव के शौचालयों की समीक्षा कर मरम्मत कराने की बात कह रहे है।