बलरामपुर (कृष्ण मोहन कुमार) देश की केंद्र सरकार स्वच्छ भारत मिशन के तहत खुले में शौच से मुक्त करने की मुहिम छेड़ रखी है, और इस मुहिम को एक क्रांति के रूप में तब्दील करने अरबो रुपये खर्च किये जा रहे है, गाँवो में बसे देश भारत को स्वच्छ रखने की परिकल्पना भी गाव से ही शुरू की गई है, पंचायत प्रतिनिधियों को भी अपने घरों में शौचालय निर्माण कराने के तल्ख लहजे में निर्देश सरकार ने दिए है।
वही जिले को खुले में शौच से मुक्त करने की बागडोर जिला पंचायत को सौंपी गई है, लेकिन बलरामपुर जिले में यह नजारा कुछ उल्टा ही है, यू तो गाँवो में शौचालय निर्माण का जिम्मा जिला पंचायत का है,बावजूद इसके जिला पंचायत के शौचालय में ही ताला लटका हुआ है, जिसके चलते उक्त दफ्तर में पदस्थ में महिला कर्मचारियों को भारी परेशानियों का सामना करते हुए इधर उधर भटकना पड़ता है,इसके अलावा आफीस के पास गन्दगी पसरी हुई है,जिसे हटाने की जहमत अब तक किसी ने नही की।
विदित हो कि मुख्यालय में वर्तमान समय में कलेक्टर ,और जिला पंचायत कार्यलय एक ही जगह पर स्थित है,तथा दोनों ही सरकारी दफ्तरों के कर्मचारियों की सुविधा के लिए जिला पंचायत के समीप ही शुलभ शौचालय बनाया गया है, बावजूद इसके शौचालय में ताला लगा दिया गया है,जो कि समझ से परे है,और ऐसे में जहाँ जिले के मुखिया का जिस जगह पर दरबार सजता हो वहाँ ही गन्दगी पसरी हो तो मोदी सरकार की स्वच्छ भारत मिशन का क्या हाल होगा?