मैनपाट मे उल्टी दस्त से प्रभावित गांव के दौरा करने आए थे स्वास्थ सचिव
अम्बिकापुर
आपने आज तक नेताओं के बयान से सियासी गलियारों में हडकंप मचते देखा या सूना होगा लेकिन इस बार सरगुजा में एक प्रशासनिक अधिकारी के बयान ने ना सिर्फ प्रशासनिक सिस्टम में खलबली मचा दी है बल्की राजनीतिक हलको में भी इस बयान से सियासत तेज हो गई है,
दरअसल मैनपाट मे उल्टी दस्त से हुई मौत के हालात जानने पंहुचे स्वास्थ सचिव ने इलेक्ट्रानिक मीडिया के पत्रकारो को एक शर्मनाक बयान दिया है। जिसमे उन्होने मौत का कारण बताने की बजाय अपने चिरपरिचित अंदाज मे ये कह दिया कि लोगो की मौत कैसे हुई है ये तो गुजरे हुए लोग ही बताएगें।
स्वास्थ सचिव सुब्रत साहू और स्वास्थ संचालक आर प्रसन्ना मंगलवार को राजकीय विमान से पहले जिले के दरिमा हवाई पट्टी पर उतरे । उसके बाद सचिव श्री साहू जिले के स्वास्थ अमले के साथ उल्टी दस्त प्रभावित गांव का दौरा करने मैनपाट पंहुचे । इस दौरान स्वास्थ सचिव ने चार गांव का दौरा किया दर्जनो लोगो से मुलाकात की , स्थानिय स्वास्थ अधिकारियो से मौत की वजह जानने का प्रयास किया । लेकिन लगता है उसके बाद भी इतने महत्वपूर्ण पद पर बैठे स्वास्थ सचिव महोदाय को लगातार हो रही मौत की वजह समझ नही आई । शायद उनकी इसी नासमझी की वजह थी कि जब वो मैनपाट के दौरे से लौटकर दरिमा हवाई पट्टी पंहुचे तो पत्रकारो के जवाब मे उनके मन की बात सार्वजनिक हो गई। दरअसल इलेक्ट्रानिक मीडिया ने स्वास्थ सचिव से मैनपाट के हालात पर सवाल किया तो पहले तो उन्होने ये बता दिया कि वो क्या करने आए थे। लेकिन जब पत्रकारो ने लगातार हो रही मौत की वजह जानने के लिहाज से सवाल किया तो श्री साहू ने मौत का कारण तो मरने वाला ही बताएगा।
गौरतलब है कि आदिवासी बाहुल्य सरगुजा जिला मे पिछले 20 दिनो मे 16 से अधिक मौत हो चुकी है , जिनमे से ज्यादातार मौत की वजह उल्टी दस्त को ही माना जा रहा है। हा ये अलग बात है कि उनमे से कुछ ऐसे लोगो की भी मौत हो गई है जो उम्रदराज हो चुके थे। लेकिन उसके बावजूद भी दूषित भोजन और दूषित खाने से उल्टी दस्त के प्रकोप को ही मौत की वजह के रुप मे सामने आ रहा है। मैनपाट के प्रभावित गांव की बात करे तो इनमे सबसे अधिक प्रभावित पंचायत असगंवा है जंहा अब तक 11 लोगो की मौत हो चुकी है। इसके अलावा ब्लाक मुख्यालय नर्मदापुर से लगे खालपारा, पैगा, कुदारीडीह गांव मे भी लोगो की असमय मृत्यु के मामले सामने आए है। जिसको लेकर जिला प्रशासन और जिले के स्वास्थ महकमे भले ही अच्छा काम कर लोगो का राहत पंहुचाने मे लगा हो , लेकिन प्रदेश के स्वास्थ सचिव का ये बयान सही मायने तमाम प्रय़ासो को बौना साबित कर रहा है।
वही इस मामले में विधानसभा नेताप्रतिपक्ष टी एस सिंह देव ने कहा है की एक वरिष्ट अधिकारी का इस तरह का बयान दुर्भाग्यपूर्ण ही नहीं बल्कि निंदनीय भी है। उन्होंने कहा की लगता है वो भूल गए की सरगुजा के कलेक्टर रहते हुए उस समय भी जब वो सरगुजा में थे तब भी लोग उस क्षेत्र में उल्टी दस्त से ग्रसित हुए थे। और कुछ लोगो की मौते भी हुई थी। सबसे बड़ी कमी इस बात की है की ये क्षेत्र एक तरह से चिन्हांकित क्षेत्र है। अनेको वर्ष में ऐसी घटनाएं होती रही है इसमें प्रशासन को पहले से ही ऐसी व्यवस्था करनी चाहिए की एसी घटनाएं ना हो, उन्होंने यह भी कहा की प्रश्न मौत की संख्या का नहीं है प्रश्न यह है की इस तरह की अगर एक भी सिकायत आती है तो ये जवाबदारी पूर्ण रूप से शासन प्रशासन की है, शासन प्रशासन के पास एक बड़ा तंत्र है जो सारी जानकारी ऊपर तक पहुचा सकता है। उसके बाद ऐसी चूक हो जाना प्रशासन का फेलुअर है।