बी.ई.ओ. के खिलाफ निलंबन की कार्यवाही…

अम्बिकापुर
सरगुजा संभाग के कमिष्नर श्री टी.सी. महावर ने सरगुजा जिले के लुण्ड्रा विकासखण्ड के तत्कालीन विकासखण्ड षिक्षा अधिकारी श्री मनीराम यादव के खिलाफ निलंबन की कार्यवाही शुरू कर दी है। श्री यावद को कारण बताओ सूचना पत्र जारी कर 7 दिवस के अंदर जवाब प्रस्तुत करने कहा गया है। नियत समयावधि में उत्तर प्राप्त नहीं होने पर एक पक्षीय कार्यवाही की जाएगी।
वर्तमान में लखनपुर विकासखण्ड के शासकीय हाई स्कूल जमगला में पदस्थ व्याख्याता श्री मनीराम यादव को जारी कारण बताओ सूचना पत्र में कहा गया है कि जिला षिक्षा अधिकारी अम्बिकापुर जिला सरगुजा द्वारा श्री यादव के विरूद्ध संयुक्त जांच दल गठित किया गया था, जिसके प्रतिवेदन 04 जनवरी 2016 के आधार पर कलेक्टर सरगुजा से अनुमोदन लेकर जिला षिक्षा अधिकारी द्वारा उन्हें कारण बताओ सूचना पत्र 20 अप्रैल 2016 को जारी किया गया। उक्त कारण बताओ सूचना का उत्तर श्री यादव द्वारा 23 मई 2016 को जिला षिक्षा अधिकारी अम्बिकापुर को प्रस्तुत किया गया, किन्तु उनका उत्तर समाधानकारक न होने पर उनके विरूद्ध षिक्षा अधिकारी द्वारा प्रस्तुत जाॅच प्रतिवेदन/अंकेक्षण एवं प्रतिवेदन/परीक्षण रिपोर्ट व उपलब्ध दस्तावेजों के आधार पर प्रथम दृष्टया स्पष्ट पाया गया। श्री यादव जब विकासखण्ड षिक्षा अधिकारी लुण्ड्रा के प्रभार में थे तो पदीय दायित्वों के निर्वहन में जानबूझकर घोर वित्तीय अनियमितता बरतते हुए शासन को 2 करोड़ 42 लाख ़93 हजार 501 रूपये की क्षति पहुॅचाई। श्री यादव द्वारा 29 अक्टूबर 2013 को प्रभार सौपने के पष्चात् भी विकासखण्ड षिक्षा अधिकारी के पदीय हैसियत से 5 लाख 53 हजार 48 रूपये का आहरण किया गया है, जो प्रथम दृष्टया गंभीर लापरवाही, गबन व भ्रष्टाचार का मामला परीलक्षित होता है, जिसके कारण कलेक्टर सरगुजा द्वारा श्री यादव को निलंबित किये जाने का प्रस्ताव भेजा गया है।
अतः श्री यादव का उक्त कृत्य छत्तीसगढ़ सिविल सेवा आचरण नियम 1965 के नियम 3 के सर्वथा विपरीत होने से कदाचरण की श्रेणी में आता है। क्यो न श्री यादव के विरूद्ध छत्तीसगढ़ सिविल सेवा वर्गीकरण नियंत्रण तथा अपील नियम 1965 के तहत अनुषासनात्मक कार्यवाही प्रस्तावित किया जावे। अतः उक्त के संबंध में श्री यादव से कहा गया है कि वे अपना प्रत्युत्तर पत्र प्राप्ति के 7 दिवस के भीतर प्रस्तुत करना सुनिष्चित करें। निर्धारित समयावधि में आपका उत्तर प्राप्त नहीं होने की दषा में उनके विरूद्ध एक पक्षीण कार्यवाही की जाएगी।