मार्मिक मंचन में नक्सलियों के समर्पण की झलकी ने दिलों को झंझोड़ा..

एसपी के निर्देश पर लोगों के सामने इंद्रधुनष नाट्यकला ने की प्रस्तुति

बलरामपुर/रामानुजगंज

संगठन मेें जाने के बाद नक्सलियों के संगठन में उनके साथ क्या होता है। समाज व परिवार से अपने मां-बाप, भाई-बहन एवं अन्य लोगों का प्यार कैसे नफरत में बदलता है और जब वापस अपने गांव अपने परिवार में आते हैं तो किस प्रकार से नक्सली उसके और उसके परिवार के साथ कु्ररतापूर्वक बर्ताव करते हैं, उनके भाई और बहनों की हत्या और माता-पिता को प्रताडि़त करते हैं, इन बातों का मार्मिक और संवेदनशील तरीके से हुये मंचन ने लोगों के दिलों को झंझोर दिया। यह मंचन नगर के गांधी मैदान में पुलिस अधीक्षक बलरामपुर सदानंद कुमार के निर्देेश पर झारखण्ड से आये इंद्रधनुष नाट्यकला के निर्देशक अनुपम गोस्वामी, कलाकार, संतोष कुमार, सुशांत सिंही, अमित कुमार, नकुल कुमार एवं कुमारी अभिलाषा चाई बासा महाविद्यालय के कलाकारों द्वारा मार्मिक पेश किया गया।
नाट्य कला के माध्यम से यह बतलाया गया कि नक्सली किसी के हितैसी नहीं वे जहां भी जाते हैं। स्कूल, स्वास्थ्य केंद्र, ग्राम पंचायत भवन जैसे जन उपयोगी भवन को निशाना बनाते हैं। गांव में आतंक फैलाते हैं, अतरू नक्सलियों के बहकावे में न आये और अपने परिवार और गांव समाज, देश को हानि न पहुंचाये। नाट्यकला का मार्मिक अंतरू अभिलाषा के मौत के साथ हुआ और लोगों ने उसकी शव पर हाथ रख कसम ली कि वे नक्सली बहकावे में नहीं आयेंगे और नाट्य के अंत में बलरामपुर पुलिस अधीक्षक के सामने हथियार डालकर नक्सलियों ने समर्पण कर दिया। इस बीच दर्शक कभी भाव विभोर हुये तो कभी उत्साहित हो ताली बजाई। इस अवसर पर एसपी सदानंद कुमार, श्रीमती सुमन सदानंद कुमार, गोवर्धन सिंह ठाकुर, पीएसपी दिनेश कुमार, थाना प्रभारी केके शुक्ला, दिलबाग सिंह, जय सिंह, अरूण केशरी, शैलेष गुप्ता, अश्वनी गुप्ता, अजय यादव सहित भारी संख्या में लोग उपस्थित थे।