
नकारी के मुताबिक, सुनवाई के दौरान सीबीआई की ओर से पेश वकील ने आरोपियों की 10 दिनों की रिमांड की मांग की थी. इनको सोमवार दोपहर बाद सीबीआई ने गिरफ्तार किया था । मामला50 करोड रुपए से अधिक के सरकारी टेंडर दिए जाने में एक निजी कंपनी को अनुचित फायदा पहुंचाने का है ।
सीबीआई का तर्क था कि कई बार बुलाने के बाद भी राजेंद्र कुमार ने एजेंसी को जांच मे सहय़ोग नहीं किया और वो प्रभावशाली नौकरशाह हैं। लिहाजा बिना गिरफ्तारी और कस्टडी के मामले की निष्पक्ष जांच नहीं हो सकती. 10 दिन की कस्टडी को लेकर कहा गया कि यह जरूरी है, क्योंकि उनके बैंक खाते के साथ-साथ मनी ट्रेल का भी पता लगाना है ।
आपको फिर बता दे कि सीबीआई ने कोर्ट से कहा कि राजेंद्र कुमार दिल्ली सरकार में बैठा करप्शन का वो शेषनाग है, जो अगर गया तो पूरी दिल्ली सरकार चली जाएगी ।