- गुजरात अनुदान पैटर्न पर मिलेगा कृषि यंत्र
- ऑनलाइन और पारदर्शी होगी पूरी प्रक्रिया
रायपुर
छत्तीसगढ़ के किसानों को अब ड्रिप,स्प्रिंकलर और शक्ति चलित उन्नत कृषि यंत्रों के लिए अफसरों के चक्कर नही काटने पड़ेंगे। गुजरात से प्रेरणा लेकर लागू होने वाली नई अनुदान प्रणाली में एक ही विंडों से उनके ये काम होंगे। इस उद्देश्य के लिए छत्तीसगढ़ राज्य बीज एवं कृषि विकास निगम व् गुजरात सरकार के अधीन गुजरात ग्रीन रिवोल्यूशन कंपनी लि.(सीजीआरसी) के बीच एमओयू हुआ। कृषि-जल संसाधन मंत्री बृजमोहन अग्रवाल इस अवसर पर विशेष रूप से उपस्थिति थे।यह सीजीआरसी कंपनी राज्य के आधार पर साफ्टवेयर डेवलप कर उक्त सिस्टम को यहाँ लागू करेगी। किसानों को इसके तहत ऑनलाइन आवेदन की सुविधा मिलेगी। वे किसी भी इंटरनेट कैफे या च्वाइस सेंटर से आवेदन कर सकेंगे। किसानों के कृषि यंत्र अनुदान सिस्टम की पारदर्शिता में यह कार्य निश्चित रूप से कारगर होगा। यह कार्य अगस्त माह से प्रारम्भ होगा।
जानकारी के अनुसार किसान अपनी मनपसंद कंपनी जो शासन के पास पंजीकृत है उसके यंत्र के लिए आवेदन करेंगा। स्वीकृति पश्चात यंत्र यथा स्थल में लगने के बाद थर्ड पार्टी इसका वैरिफिकेशन करेगी ।वैरिफिकेशन के दौरान स्थल और किसान के फोटोग्राफ्स को जीपीएस सिस्टम और मेन सर्वर में अपलोड करना होगा। किसान कभी भी इस ऑनलाइन प्रक्रिया को देख सकते है।उन्हें कोड नंबर उपलब्ध कराये जाएंगे।
इस पद्धति में सप्लायर कंपनी की 5 फीसदी राशि शासन रोककर रखेगी। यंत्र खराब होने या गुणवत्ता विहीन होने पर सप्लायर कंपनी की राशि जप्त करने के अलावा उसे ब्लैक लिस्ट भी किया जा सकता है। अनुदान प्राप्त यंत्रों का एक वर्ष का बीमा भी होगा।
इस संबंध में कृषि-जल संसाधन मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि किसानों को बेहतर सुविधा प्रदान करने हम प्रयसरत है। गुणवत्ता के साथ क्वांटिटी में काम हो ऐसी हमारी मंशा है।कृषक हित में जो भी बेहतर काम करना पड़े हम करेंगे। इस एमओयू के दौरान बीज निगम के अध्यक्ष श्याम बैस, कृषि उत्पादन आयुक्त अजय सिंह, बीज निगम के एमडी समीर बिश्नोई,मंडी बोर्ड के एमडी नरेंद्र शुक्ला,जीजीआरसी के ज्वाइंट एमडी आरके सुगुर,जेजी साइमन,डीडी मिश्रा,बीज निगम की संचालक मंडल सदस्य बृंदा तांबे आदि उपस्थित थे।