
रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर एक बार फिर “डिजिटल अरेस्ट” जैसे हाईटेक साइबर क्राइम का शिकार बना है। इस बार ठगों के निशाने पर था एक शासकीय इंजीनियरिंग कॉलेज का प्रोफेसर, जिसे ठगों ने मानसिक रूप से इतना जकड़ लिया कि वह एक महीने तक उनकी बातों में उलझा रहा और धीरे-धीरे 88 लाख रुपए ठगों को ट्रांसफर करता गया।
मामला राजधानी के पुरानी बस्ती थाना क्षेत्र से सामने आया है, जहां अज्ञात साइबर अपराधियों ने खुद को केंद्रीय एजेंसियों से जुड़ा बताकर प्रोफेसर को पहले मानव तस्करी और मनी लॉन्ड्रिंग जैसे संगीन मामलों में फंसाने की धमकी दी। फिर उसे यह कहकर मानसिक रूप से कैद कर लिया कि जब तक जांच पूरी नहीं होती, तब तक उसे किसी से बात नहीं करनी है। यही है तथाकथित “डिजिटल अरेस्ट”।
पीड़ित प्रोफेसर ने डर और दबाव में आकर ठगों की हर मांग मानी। मोबाइल और ऑनलाइन चैटिंग के ज़रिए लगातार संपर्क में बने रहे आरोपी, और धीरे-धीरे 88 लाख रुपए की रकम अलग-अलग खातों में ट्रांसफर करवा ली। जब प्रोफेसर को शक हुआ और उन्होंने किसी से संपर्क किया, तब जाकर इस बड़े साइबर फ्रॉड का खुलासा हुआ।
पुरानी बस्ती पुलिस ने अज्ञात आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है और साइबर सेल की मदद से जांच शुरू की जा चुकी है।
डिजिटल अरेस्ट: तेजी से फैलता नया साइबर फ्रॉड
डिजिटल अरेस्ट की घटनाएं देशभर में तेजी से बढ़ रही हैं, जहां ठग वीडियो कॉल, नकली पहचान पत्र और सरकारी एजेंसियों के फर्जी नोटिस के जरिए आम लोगों को डराकर लाखों की ठगी कर रहे हैं। इनमें अधिकतर मामलों में पीड़ितों को यह विश्वास दिलाया जाता है कि वे गंभीर अपराधों में फंसे हैं और उन्हें “जांच के दौरान” चुप रहना होगा।
साइबर विशेषज्ञों का कहना है कि डिजिटल अरेस्ट दरअसल मानसिक नियंत्रण की एक प्रक्रिया है, जो पीड़ित को बाहरी दुनिया से काटकर, अपराधियों के निर्देशों का पालन करने के लिए मजबूर करती है।
क्या करें डिजिटल अरेस्ट से बचने के लिए:-
– किसी भी अनजान वीडियो कॉल या फोन कॉल पर सरकारी एजेंसी की बातों पर आंख बंद कर विश्वास न करें।
– सरकारी एजेंसियां कभी भी फोन या वीडियो कॉल पर पैसे नहीं मांगतीं।
– ऐसे मामलों की तुरंत पुलिस या साइबर सेल में शिकायत करें।
– अपने आसपास के लोगों को भी सतर्क करें।
छत्तीसगढ़ में लगातार सामने आ रहे ऐसे मामलों ने यह साबित कर दिया है कि अब साइबर ठग सिर्फ तकनीक से नहीं, बल्कि डर और मानसिक चालों से लोगों को लूटने लगे हैं। ऐसे में जागरूक रहना ही सबसे बड़ी सुरक्षा है।