Vishwa Hindu Parishad: हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर में शनिवार को एक प्रदर्शन के दौरान दिल का दौरा पड़ने से विश्व हिंदू परिषद (VHP) के 46 वर्षीय एक सदस्य की मौत हो गई। यह संगठन वक्फ बोर्ड को समाप्त करने की मांग करते हुए प्रदर्शन कर रहा था। देवभूमि संघर्ष समिति के आह्वान पर जिलों में प्रदर्शन किया गया। समिति संजौली में एक मस्जिद को ढहाने और प्रवासियों के अनिवार्य सत्यापन की मांग को लेकर आंदोलन चला रही है। शिमला, हमीरपुर, मंडी, चंबा और नहान में बड़ी संख्या में लोग प्रदर्शन में शामिल हुए।
‘जेल भरो आंदोलन’ चलाने की चेतावनी
हमीरपुर में प्रदर्शन के दौरान जब प्रदर्शनकारी अधिकारियों को ज्ञापन सौंपने जा रहे थे, तब विहिप के कार्यकर्ता वरिंदर परमार बेहोश हो गए। उन्हें पुलिस वाहन से हमीरपुर चिकित्सा महाविद्यालय ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। पहली नजर में दिल का दौरा पड़ना मौत की वजह बताई गई। इस बीच, समिति के सह-संयोजक मदन ठाकुर ने कहा कि समिति भावी रणनीति तय करने से पहले विवादित मस्जिद पर 5 अक्टूबर तक निगम अदालत के निर्णय का इंतजार करेगी। उन्होंने 5 अक्टूबर के बाद ‘जेल भरो आंदोलन’ चलाने की चेतावनी भी दी। उन्होंने कहा, “हमारे खिलाफ प्राथमिकियां दर्ज की गई हैं, जबकि संजौली मस्जिद से वीडियो बनाने और लोगों की भावनाएं भड़काने को लेकर एआईएमआईएम नेता शोएब जमई के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई। वहां स्थानीय लोगों को जाने की अनुमति नहीं है।”
शोएब जमई ने संजौली मस्जिद से वीडियो बनाकर और बाद में यह कहकर विवाद खड़ा कर दिया कि वह जनहित याचिका दायर करेंगे एवं मांग करेंगे कि आस-पास में चार से अधिक मंजिलों वाले भवनों को अवैध क्यों न समझा जाए। इस हरकत की स्थानीय मुस्लिम नेताओं और सत्तारूढ़ कांग्रेस एवं विपक्षी बीजेपी के नेताओं ने निंदा की। संजौली मस्जिद के एक हिस्से को गिराने की मांग कर रहे लोग 11 सितंबर को जब बैरिकेड्स तोड़कर मस्जिद के करीब पहुंच गए और पथराव करने लगे, तो पुलिस ने उन पर लाठीचार्ज किया और पानी की बौछार की। इस झड़प में छह पुलिसकर्मी और चार प्रदर्शनकारी घायल हो गए एवं 50 प्रदर्शनकारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया।
समिति के सह संयोजक मदन ठाकुर ने कहा, “वक्फ बोर्ड को समाप्त किया जाना चाहिए। प्रदर्शनकारियों के खिलाफ दर्ज मामलों को वापस लिया जाना चाहिए। अनधिकृत मस्जिद को ध्वस्त कर दिया जाना चाहिए और बाहरियों की पहचान एवं सत्यापन अनिवार्य किया जाना चाहिए।” हमीरपुर में शनिवार को प्रदर्शन में बड़ी संख्या में लोग जुटे और उनके हाथों में भगवा बैनर एवं झंडे थे। हिंदू अधिकार संगठन के नेताओं ने मांग की कि हिमाचल प्रदेश में प्रवासियों के दस्तावेजों की जांच का प्रस्ताव 2 अक्टूबर को राज्यभर में होने वाली ग्राम सभा की बैठकों में पारित किया जाए। शिमला में कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी तैनात किए गए थे। मुस्लिम समुदाय के सदस्यों की दुकानें बंद रहीं। हिंदू दक्षिणपंथी समूह के नेताओं ने अपने संबोधन में मांग की कि 2 अक्टूबर को राज्य भर में होने वाली ग्राम सभा बैठकों में प्रवासियों के दस्तावेजों की जांच करने का प्रस्ताव पारित किया जाए।