Baccha Pasi : आखिर कौन है निहाल कुमार उर्फ बच्चा पासी, कभी हुआ करता था छोटा राजन का शार्प शूटर, योगी सरकार के निशाने पर एक खतरनाक अपराधी

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Baccha Pasi, Mafia Don Baccha Pasi, UP Don Baccha Pasi, Yogi Government : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश सरकार ने अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करते हुए हाल ही में 61 मोस्ट वॉन्टेड माफियाओं की एक ब्लैक लिस्ट तैयार की है। इस लिस्ट में शामिल नामों में से कई को पहले ही ‘सफाया’ कर दिया गया है, जिनमें अतीक अहमद और अनिल दुजाना जैसे कुख्यात अपराधी शामिल थे। अब, इस लिस्ट में निहाल कुमार उर्फ बच्चा पासी का नाम सामने आया है, जिसने अपराध की दुनिया में अपना नाम बनाया है और वर्तमान में योगी सरकार के निशाने पर है।

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उमेश पाल ट्रिपल मर्ड, योगी सरकार की सख्त कार्रवाई

24 फरवरी 2023 को प्रयागराज के धूमनगंज इलाके में उमेश पाल ट्रिपल मर्डर केस ने प्रदेश को हिला कर रख दिया था। इस हत्या में गुड्डू मुस्लिम और अतीक अहमद के बेटे असद खान का नाम सामने आया था। इस कांड ने योगी आदित्यनाथ की सरकार को गंभीरता से अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए प्रेरित किया। अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की मौत के बाद, राज्य के अन्य बदमाशों के बीच एक डर का माहौल बन गया है।

निहाल कुमार उर्फ बच्चा पासी: एक खतरनाक अपराधी की कहानी

निहाल कुमार उर्फ बच्चा पासी, प्रयागराज के धूमनगंज इलाके का कुख्यात अपराधी है। यह वही क्षेत्र है जहाँ अतीक के गुर्गों ने उमेश पाल हत्याकांड को अंजाम दिया था। बच्चा पासी का नाम भी अपराध की दुनिया में खूब चर्चित है, और हाल ही में उसे 61 मोस्ट वॉन्टेड माफियाओं की लिस्ट में शामिल किया गया है।

बच्चा पासी का नाम पहली बार 2006 में मुंबई के काला घोड़ा शूटआउट कांड में उभरा था। इस कांड में उसने अंडरवर्ल्ड डॉन छोटा राजन के साथ काम किया था। उस घटना ने बच्चा पासी को अपराध की दुनिया में एक महत्वपूर्ण स्थान दिलाया। इसके बाद, वह प्रयागराज में अपना साम्राज्य स्थापित करने में लगा रहा और अतीक अहमद के समान खुद को माफिया डॉन मानने की गलती की।

राजनीतिक संरक्षण और अपराध का कॉकटेल

बच्चा पासी ने खुद को कानून से बचाने के लिए राजनीतिक सुरक्षा का रास्ता अपनाया। उसने बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) से जुड़कर राजनीति में कदम रखा और निगम पार्षद बनने में सफल रहा। उसने अपनी पत्नी रजिता पासी को भी निगम पार्षद बनवाया। बावजूद इसके, वह प्रयागराज का डुप्लीकेट अतीक अहमद नहीं बन सका और न ही कानून की पकड़ से बच सका।

योगी आदित्यनाथ की ‘ब्लैक लिस्ट’, बच्चा पासी की मुश्किलें बढ़ीं

योगी आदित्यनाथ की पुलिस ने हाल ही में सूबे के 61 मोस्ट वॉन्टेड माफियाओं की लिस्ट बनाई है, जिसमें बच्चा पासी का नाम भी शामिल है। इस लिस्ट में शामिल होने के बाद, बच्चा पासी की मुश्किलें और बढ़ गई हैं। योगी सरकार का लक्ष्य अब इन माफियाओं के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई करना है।

एक पुलिस अधिकारी ने बताया, “जब बच्चा पासी का नाम काला घोड़ा शूटआउट कांड में आया था, तो ऐसा लगा था कि वह प्रयागराज में अतीक अहमद की तरह का माफिया डॉन बन जाएगा। लेकिन अतीक और अशरफ के जिंदा रहते हुए वह खुद को स्थापित नहीं कर सका। अब जब अतीक का सफाया हो चुका है, तो बच्चा पासी को भी अपनी स्थिति को लेकर सतर्क रहना होगा।”

अपराध और राजनीति का गठजोड़

बच्चा पासी का नाम विभिन्न अपराधों के मामलों में आया है, जिनमें शराब बिक्री, ड्रग सप्लाई, लूट और डकैती शामिल हैं। साल 2006 में मुंबई के काला घोड़ा शूटआउट कांड में शामिल होने के बाद, बच्चा पासी ने खुद को और भी खतरनाक बना लिया था। इसके बाद, उसने प्रयागराज में अपने आपराधिक साम्राज्य को बढ़ाया, जिसमें उसने लूट, हत्या, और जमीन कब्जाने जैसे अपराधों को अंजाम दिया।

साल 2007 में, उसने प्रयागराज (तब इलाहाबाद) में कोर्ट-कचहरी में लूट और हत्या की घटनाओं को अंजाम दिया। उसी वर्ष, बच्चा पासी ने बीएसपी के टिकट पर निगम पार्षद का चुनाव जीता। इसके बाद उसने अपनी पत्नी को भी निगम पार्षद बना दिया और खुद 2017 में फिर से निगम पार्षद बना।

डी-46 गैंग और अवैध गतिविधियाँ

बच्चा पासी का डी-46 गैंग प्रयागराज में काफी बदनाम है। इस गैंग के खिलाफ कई मामले दर्ज हैं, जिनमें अवैध निर्माण, बिजली चोरी, और जमीन कब्जाने के आरोप शामिल हैं। कुछ साल पहले, प्रयागराज विकास प्राधिकरण ने उसके आलीशान अवैध मकान को बुलडोजर से ढहा दिया था। उस मकान का निर्माण बिना नक्शा पास कराए किया गया था।

बच्चा पासी के गैंग में 15 से 20 बदमाश शामिल हैं, जो विभिन्न अपराधों में लिप्त रहते हैं। उसकी गतिविधियाँ इस हद तक बढ़ गई हैं कि बिजली विभाग ने उसके खिलाफ एक मामला दर्ज किया, जिसमें उसके घर में 13 एअर कंडीशनर चलाए जा रहे थे।

कोर्ट में स्थिति

बच्चा पासी ने खुद को डी-46 गैंग का सरगना बताए जाने के खिलाफ हाई कोर्ट में याचिका लगाई है। उसकी दलील है कि वह अधिकांश मामलों में बरी हो चुका है और बाकी के मामले अदालत में लंबित हैं। इस दौरान, उसने राजनीति में अपने प्रभाव को बनाए रखने के लिए कई प्रयास किए हैं, लेकिन योगी आदित्यनाथ की सरकार की सख्ती ने उसकी स्थिति को काफी दुरुस्त कर दिया है।