हॉस्पिटल में बेटी पैदा होने पर देती हैं बच्ची एवं परिवार को गिफ्ट और पौधे…28 महीनों से चला आ रहा है परंपरा…100 से ज्यादा लोगो को बांट चुकी है उपहार…!

@संजय यादव
जांजगीर चांपा। चांपा नगर निवासी नेहा अग्रवाल रहने के लिए गृहणी है. लेकिन उनका ज्यादातर समय सामाजिक कार्यों में गुजरता है. वे गरीब,अहसाय लोगों के लिए लगी रहती है. लोगों को हमेशा पर्यावरण को लेकर जागरूक करते रहती है। साथ ही कई वर्षों से लगातार बीडीएम हॉस्पिटल में बेटी पैदा होने पर बच्ची एवं परिवार को उपहार के रूप में कपड़े,मिठाइयां साथ में पौधे गिफ्ट करते आ रही है. यह करते हुए उन्हें 28 वर्ष हो गए है. अभी तक उन्होंने 100 से ज्यादा बेटियों एवं परिवार को उपहार सहित पौधे भेंट कर चुकी।

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नेहा अग्रवाल बताती है कि वह चांपा के बीडीएम हॉस्पिटल में जब भी बेटी पैदा होती है तो उस समय तत्काल बच्ची एवं उनके परिवार के लिए कपड़े, खिलौने वगैरह बास्केट में गिफ्ट के रूप में उपहार सहित पौधे भेंट करने हॉस्पिटल पहुंच जाती है. इसी तरह लगातार 28 वर्षों से करते आ रही है. अभी तक वे 100 से ज्यादा लोगों को उपहार भेंट कर चुकी है. इसके पीछे उनकी मानसा बेटियों के लिए प्यार एवं बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान के तहत समाज में बेटियों को पहचान दिलाना है. साथ ही पर्यावरण को भी सुरक्षित रखना है.

आजकल जब किसी के घर में बेटी पैदा होती है तो परिवार में ज्यादा खुशी नहीं होती जिसके चलते हमेशा परिवार लड़के होने के ख्वाइश में दुखी हो जाता है, लेकिन नेहा अग्रवाल ने इसी परंपरा को तोड़ने के लिए लगातार 28 वर्षों से यह पीड़ा उठाया है. बेटी पैदा होने पर उन्हें हॉस्पिटल के स्टाफ द्वारा सूचना दी जाती है, फिर तत्काल हॉस्पिटल पहुंचकर परिवार और बच्ची को गिफ्ट के रूप में खिलौने, मिठाई,कपड़े भेंट करती है. साथ ही बच्ची के नाम पौधा भी भेंट करती है. इस काम को लेकर परिवार एवं हॉस्पिटल के स्टाफ नेहा अग्रवाल को हमेशा प्रोत्साहित एवं सपोर्ट करते हैं. नेहा के परिवार भी हमेशा उसके इस काम में उनके साथ रहते हैं. नेहा अग्रवाल का एक टैग लाइन है “जीवन के रंग सेवा के संग” जिसके साथ वह हमेशा चलती हैं. वहीं शहर के लोग नेहा के इस नेक काम की खूब तारीफ करते हैं।