छत्तीसगढ़ के इस गांव की लोग आज भी झरिया का पानी पीने को हैं मजबूर.! घर तक नल का कनेक्शन पहुंचा, पर पानी नहीं….

Mahendragarh-Chirmiri-Bharatpur-News: विकास इस के दौर में जब हम चांद तक पहुंचने की बात करते नजर आते हैं। वही, यह बाते महादेव टीकरा पहुंचकर बेमानी नजर आने लगती हैं। दरअसल, मनेन्द्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर जिले में कई गांव आज भी ऐसे हैं। जहाँ के ग्रामीण नदी और झरिया से पानी पीने को मजबूर हैं। आज भी इसी पर निर्भर हैं, भीषण गर्मी में उन्हें पानी के लिए लंबा सफर तय करना होता हैं। वही, उबड़ खाबड़ रास्ते से होकर झरिया पहुंच कर फिर पानी भरकर लौटते हैं। आज के इस विकास के दौर में भी आदिवासी और पंडो जनजाति के लोग झरिया से पानी लाकर किसी तरह अपना गुजारा कर रहें है।

दरअसल, एमसीबी जिले के उजियारपुर गांव से कुछ दूरी पर ही ग्राम पंचायत सोनवर्षा हैं। जिसके ग्राम महादेव टिकरा हैं। यहां कुछ घर गोंड आदिवासी और बाकि, पंडो जनजाति के लोग निवास करते हैं। यहां लगभग 22 घर हैं, सभी के सभी झरिया का पानी पीते हैं।

इस संबंध में गांव की मितानीन नयन कुँवर का कहना हैं कि, कहने को 2 हैंडपंप है दोनो में गंदा पानी निकलता हैं।जलजीवन मिशन के तहत् नल कलेक्शन का काम हुआ हैं। लेकिन, आज तक उसमे पानी नहीं आया हैं।

वहीं, यहां के ग्रामीणों का कहना हैं कि, वो जब से यहां रह रहे हैं तब से ही वो झरिया का पानी पी रहे हैं। इतना ही नहीं, पीने के पानी के लिए उन्हें झरिया तक जाने के लिए लंबी दूरी तय करनी पड़ती हैं।

इधर, लिंगराज सिदार एसडीएम मनेन्द्रगढ़ ने कहा कि, संज्ञान में आया हैं कि, सोनवर्षा गांव की महादेव टिकरा के कुछ लोग झरिया के पानी पी रहे हैं। इस संबंध में मैने पीएचई विभाग के अधिकारियों से बातचीत हुई हैं। और उन्हें निर्देशित किया गया कि, पानी की परेशानी को देखते हुए जल्द से जल्द नल जल के तहत पानी की व्यवस्था किया जाए।

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