जांजगीर-चांपा (संजय यादव)…मतदान का तारीख जैसे जैसे नजदीक आ रहा है वैसे वैसे बीजेपी की स्थिति डावा डोल लग रही हैं. निजी सर्वे के अनुसार इस बार बीजेपी को नुकसान होते दिख रहा है । वही कांग्रेस के लोकसभा प्रत्याशी अपने आठ विधायकों के साथ धुआंधार प्रचार प्रसार में लगे हैं। हालांकि, बीजेपी को मोदी की गारंटी पर विश्वास है, लेकिन आपको बता दे यही वादा 5 साल पहले बीजेपी सांसद गुहाराम अजगले ने भी किया था। जिसको निभा नहीं पाए बाद 5 साल लापता रहे, न कोई जनता दरबार लगा सके नहीं जनता की कोई समस्याएं दूर कर पाए।
हद तो तब हो गई जब बीजेपी के ही कार्यकर्ता अपने ही सांसद की बुराई करने लगे, उनके 5 साल की नाकामियों को गिरने लगे हालांकि जांजगीर चांपा में लोकसभा में सबसे बड़ी समस्या पलायन,शिक्षा, स्वास्थ्य,रोजगार एवं रेल सुविधाओं को लेकर बनी हुई हैं. जिसका वादा लगातार 15 साल बीजेपी करते आ रही हैं. लेकिन जिस हिसाब से क्षेत्र में विकास होना था उस हिसाब से विकास नहीं हो पाया हैं ।
इसलिए जनता अब भाजपा के ऊपर विश्वास नहीं कर रही है हालांकि बीजेपी मोदी की गारंटी के नाम पर वोट मांग रही है तो कांग्रेस को इस बार अपने आठ विधायकों के साथ जनता का भरोसा हैं . भाजपा प्रत्याशी को अपने ही सांसद का नाकामियां जनता के मुंह से सुनने को मिल रहा है जहां जा रही है वहां जनता प्रत्याशी के साथ-साथ भाजपा सांसद के कामों को लेकर खरी खोटी सुना रही हैं। जिससे बीजेपी की स्थिति ठीक नहीं लग रही है. क्योंकि 15 साल से भाजपा यही वादा करते आ रही है कि जिला मुख्यालय में रेल सुविधाओं के अलावा शिक्षा स्वास्थ्य एवं रोजगार को लेकर बड़ा काम किया जाएगा लेकिन यहां न तो इंजीनियरिंग कॉलेज खुल पाया है, न हीं मेडिकल कॉलेज में कोई रफ्तार पकड़ी हैं. रेलवे का हाल तो हर जनता के सामने हैं । दर्जनो ट्रेने रद्द कर दी गई हैं. जिसके चलते जनता को भारी परेशानीयो का सामना करना पड़ रहा है। वहीं शहर की जनता को स्वास्थ्य सुविधाओं के अलावा उच्च शिक्षा ग्रहण करने के लिए अन्य जिला पलायन करना पड़ता है।
जांजगीर चांपा लोकसभा के जिस क्षेत्र से सांसद प्रत्याशी कमलेश जांगड़े आती हैं उसे क्षेत्र से सबसे बड़ी समस्या पलायन का हैं. रोजगार की कमी के चलते खाने पीने के समस्या को लेकर पूरे परिवार सहित ग्रामीण कई महीनो तक अन्य जिला कमाने खाने जाते हैं । इस तरह बड़ा रोजगार की समस्या है। हालांकि जनता को अब आने वाले सांसद के ऊपर थोड़ा सा विश्वास जताना होगा क्योंकि इस बार जनता कुछ बदलाव करने के मूड में दिख रही है।