@संजय यादव
जांजगीर-चांपा। बीजेपी सांसद गुहाराम अजगले पिछले 5 साल से जांजगीर चांपा लोकसभा के सांसद हैं. लेकिन उनके संसदीय क्षेत्र में उपस्थित नहीं के बराबर रही. जिसका खामियाजा जनता के साथ-साथ वर्तमान प्रत्याशी भाजपा प्रत्याशी कमलेश जांगड़े को भी भुगतना पड़ रहा है. सांसद गुहाराम अजगले की निष्क्रियता के चलते मतदाता को 5 साल तक दर्शन दुर्लभ हो गया था. अब जब फिर से 5 साल बाद लोकसभा चुनाव होने जा रहा है तब भाजपा प्रत्याशी कमलेश जांगड़े घर-घर जाकर मतदाताओं से जनसंपर्क करने में लगी हुई है.और बीजेपी के लिए वोट मांग रही हैं. तब उन्हें कहीं-कही जनता से खरी खोटी सुनने को मिल रहा है. इसका कारण वर्तमान सांसद की निष्क्रियता बताई जा रही है.
गुहाराम अपने कार्यकाल में जनता से दूरी बनाए रखें. वही अपने संसदीय क्षेत्र में अपेक्षा के अनुरूप विकास कार्य भी नहीं के बराबर कर पाए. जिसके चलते अब बीजेपी प्रत्याशी की मुश्किलें बढ़ गई है. जनसंपर्क के दौरान कार्यकर्ता के अलावा मतदाता भी उन्हें खूब सुना रहे हैं. गुहाराम अजगले जनता तक केंद्रीय योजनाओं का लाभ पहुंचाने में असफल रहें. 5 साल तक जनता की समस्या ज्यों त्यो बनी रहीं.रेल सुविधाओं के अलावा और भी अन्य समस्या अभी भी बनी हुई है.
भारतीय जनता पार्टी को जांजगीर-चांपा लोकसभा क्षेत्र से जीत की उम्मीदे हैं. जिसके चलते केंद्र नेतृत्व की नजर इसी सीट पर ज्यादा टिकी हुई है. बीजेपी को इस सीट से ज्यादा मेहनत करना पड रहा हैं. किसी तरह वे यह सीट गवाना नहीं चाहते. और इस बार तो मुकाबला और दिलचस्प हो गया है. क्योंकि जांजगीर चांपा लोकसभा के सभी आठ विधानसभा में कांग्रेस का कब्जा है, जिसके चलते बीजेपी के लिए यह और भी कठिन चुनाव हो गया है.
बीजेपी की नजर बूथ से लेकर जिला स्तर तक के हर एक गतिविधियों में है. भारतीय जनता पार्टी में बूथ लेबल से जिला लेवल तक हर एक पदाधिकारीओ को सख्त निर्देश है कि किसी तरह की गुटबाजी से कार्यकर्ता दूर रहें. भारतीय जनता पार्टी का सिर्फ एक ही निशान है, वह है कमल। भारतीय जनता पार्टी बार-बार यही कह रही है प्रत्याशी के नाम पर नहीं नरेंद्र मोदी की गारंटी और कमल निशान को लेकर वोट मांग रहे है.
वहीं दूसरी ओर कांग्रेस प्रत्याशी भी बीजेपी सांसद गुहाराम अजगले के निष्क्रियता को भुनाने में लगी हैं. वही वे संसद में कम सवाल पूछने पर भी सवाल खड़े कर रहे हैं. कांग्रेस प्रत्याशी का आरोप है कि अपने कार्यकाल में जनता दरबार तक नहीं लगा सके. जिसके चलते उनके संसदीय क्षेत्र की जनता बहुत नाराज है. उनका दावा है इसका फायदा
कांग्रेस पार्टी को मिल सकता है।
बिना वोटर आईडी कार्ड के भी डाल सकेंगे वोट, बस चाहिए होगा ये डॉक्युमेंट