फ़टाफ़ट न्यूज़/सीतापुर || अनिल उपाध्याय
सरगुजा..पुलिस द्वारा नशे के विरुद्ध चलाए गए नवा बिहान नशा मुक्ति अभियान को ठेंगा दिखाते हुए नगर में 50 रुपये की एक पुड़िया काफी धड़ल्ले से बिक रही हैं। नगर समेत आसपास के क्षेत्रों में बिकने वाली इस 50 रुपये की पुड़िया की चपेट में नाबालिग युवा तेजी से आ रहे हैं। जिसकी वजह से युवाओं में नशे की पुड़िया की मांग तेजी से बढ़ रही हैं। बड़े वयस्क के अलावा 17-18 वर्ष के नाबालिग युवा को अपनी चपेट में लेने वाली इस पुड़िया का चलन नगर में बढ़ता जा रहा हैं। कार्रवाई के अभाव में नशे की पुड़िया का अवैध धंधा तेजी से फल फूल रहा हैं। जिस अंदाज में नगर के युवा इसकी चपेट में आते जा रहे हैं। उसे देख माता पिता के माथे पर चिंता की लकीर गहराने लगी हैं। समय रहते अगर नशे के सौदागरो के विरुद्ध ठोस कार्रवाई नही की गई तो भविष्य के लिए ये काफी घातक साबित होगा।
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यहाँ बात हो रही हैं 50 रुपये की गांजे की एक पुड़िया की। जो इन दिनों नगर समेत आसपास के क्षेत्रों में धड़ल्ले से बिक रहा हैं। सरगुजा पुलिस द्वारा नशे के विरुद्ध चलाये गए अभियान नवा बिहान नशा मुक्ति अभियान को ठेंगा दिखाते हुए नशे के सौदागर 50 रुपये में एक पुड़िया गाँजा बेखौफ होकर बेच रहे हैं। गांजा का यह अवैध कारोबार सालो से नगर पंचायत की सीमा से सटे जोबाटिकरा स्थित सुखबासुपारा से संचालित हो रहा हैं। जहाँ प्रतिदिन सुबह से शाम तक सैकड़ों की संख्या में लोग 50 कि पुड़िया लेने पहुँचते हैं। इसके बाद भी आबकारी एवं पुलिस विभाग को गाँजे के इस अवैध कारोबार की भनक नही लगना अपने आप मे कई सवालों को जन्म देती हैं।कार्रवाई के अभाव में अवैध गाँजे का कारोबारी नगर समेत क्षेत्र में तेजी से फल फूल रहा हैं। जिस पर रोकथाम करने में आबकारी एवं पुलिस महकमा सक्रिय नजर नही आ रहा हैं। जिसका फायदा उठा नशे के सौदागर अपने मंसूबों को बेखौफ होकर अंजाम दे रहे हैं। इनके निशाने पर ज्यादातर 17 से 18 साल के नाबालिग युवा होते हैं। जो आसानी से इनके झांसे में आकर इनका शिकार बनते जा रहे हैं। नशे के आदी युवा आपस मे चंदा कर नशे की पुड़िया का जुगाड़ करते हैं।जिसकी वजह से नगर सहित क्षेत्र के युवाओं में नशे की पुड़िया का चलन तेजी से बढ़ता जा रहा हैं। इस नशे की चपेट में ज्यादातर मध्यम वर्ग के नाबालिग बच्चे हैं। जो धरपकड़ की डर से खुले में नशा नही कर पाते हैं। ऐसे नशेड़ियों के लिए नशे के सौदागरों ने अपने एजेंट बना रखे हैं। जो एक कॉल पर घर पहुँच सेवा प्रदान करते हैं। घर पहुँच सेवा के कारण युवाओं को नशे ने इस कदर जकड़ लिया हैं कि, वो इसे पूरा करने चोरी जैसी घटनाओं को अंजाम देने लगे हैं। जो आगे चलकर नशे के आदी युवाओं को अपराध के रास्ते पर ले जा सकता हैं। युवाओं को नशे का आदी बनाकर नशे के सौदागर अपनी जेब भरने में लगे हैं। वही नशे की गिरफ्त में फंसे नाबालिग युवाओं का भविष्य अंधकारमय होता देख माँ बाप के माथे पर बल पड़ने लगे हैं। बच्चों में नशे का बढ़ता लत देख लोग नगर समेत क्षेत्र में होने वाले गाँजे के अवैध कारोबार पर रोक लगाने की मांग कर रहे हैं। ताकि नशे की गिरफ्त में फंसते जा रहे युवाओं को नशे के दलदल से बाहर निकाला जा सके। समय रहते नशे के इस अवैध कारोबार पर लगाम नही लगाया गया तो भविष्य के लिए यह काफी घातक सिद्ध होगा।
सुर चलता सोनतराई बमलाया मुरता आमाटोली जैसे गाँवो में संचालित होता हैं गाँजे का अवैध कारोबार-
गाँजा का अवैध कारोबार केवल सुखबासुपारा तक ही सीमित नही हैं। इसका अवैध कारोबार ग्राम सुर चलता सोनतराई बमलाया मुरता रायकेरा आमाटोली वंदना कोट जैसे कई गांवों से होते हुए दूरस्थ गाँवो तक फैला हुआ हैं। जहाँ बड़ी आसानी से लोगो को गाँजा मिल जाता हैं। कई जगहों पर तो बैठकर पीने की व्यवस्था भी हैं। जहाँ झुंड में बैठकर लोग गाँजे का सेवन करते हैं। इस संबंध में मौके पर नशा करते पकड़े गए एक नाबालिग ने बताया कि, उनके लिए सुखबासुपारा सबसे मुफीद जगह हैं। जहाँ उन्हें बड़ी आसानी से 50 रुपए में गाँजे की एक पुड़िया मिल जाती हैं। यहाँ नही मिलने पर उनके पास सुर आमाटोली बमलाया जैसे अन्य गांव हैं। जहाँ से वो आसानी से गांजा प्राप्त कर लेते हैं। उसने अपनी पहचान न बताने की शर्त पर बताया कि, सुखबासुपारा में गांजा लेने के दौरान अक्सर उनका सामना बिना वर्दी के पुलिस वालों से होता हैं। जो धरपकड़ करने नही बल्कि अपना हिस्सा लेने वहाँ आते हैं।
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दरअसल, थाने में जितने पुलिसकर्मी पदस्थ हैं।उनमें से काफी स्थानीय निवासी हैं। जिनका सब के साथ अच्छा मेलजोल और उठना बैठना हैं।उनके अलावा कई ऐसे हैं, जो ट्रांसफर के बाद भी यही डटे हुए हैं और कई स्थानांतरण के बाद सेटिंग कर अपनी पोस्टिंग दुबारा थाने में करा लिया हैं।लंबे समय से थाने में डटे ऐसे पुलिसकर्मियों को नगर सहित क्षेत्र में होने वाले सारे गतिविधियों के बारे में पूरी जानकारी रहती हैं। जिसमें इनका परोक्ष अपरोक्ष रूप से दखल रहता हैं। ये चाहेंगे तो इनके विरुद्ध कार्रवाई होगी अन्यथा नही होगी।इनके अलावा थाने में एक शख्स ऐसा हैं जो थाने का कर्मचारी नही होते हुए भी थाने का चहेता हैं। हमेशा पुलिस की गाड़ी चलाना पुलिस के साथ घूमने फिरने की वजह से क्षेत्र में उसकी पहचान बिना वर्दी के पुलिस के रूप में हैं। जिसका फायदा उठा वो थाने में होने वाले मामलो में भयादोहन कर लोगो की जेब ढीली कराता हैं। पुलिस और अवैध कारोबार करने वालो के बीच ये एक सेतु का काम करता हैं। जिससे नगर सहित क्षेत्र में दो नंबरी काम करने वालो के हौसले बुलंद हैं।
बाजारझाला हैं नशेड़ियों का सुरक्षित अड्डा-
नगर पंचायत के वार्ड क्र 10 में स्थित बाजारडाँड़ नशेड़ियों का सबसे सुरक्षित ठिकाना हैं। जहाँ बेखौफ होकर सुबह से देर रात तक नशेड़ी युवा झुंड बनाकर गाँजे का सेवन करते हैं। इस दौरान वो इतने अमर्यादित भाषा एवं असभ्यता से पेश आते हैं कि, वहाँ से लोगो का गुजरना दूभर हो जाता हैं।
इस संबंध में थाना प्रभारी शिशिरकांत सिंह ने कहा कि नशा के विरुद्ध पुलिस द्वारा नवा बिहान नशामुक्ति अभियान चलाया जा रहा हैं। जिसके तहत अभियान चलाकर अवैध नशे का कारोबार करने वालो के विरुद्ध कार्रवाई की गई हैं। उन्होंने कहा कि जागरूक लोग आगे आये और नशे के विरुद्ध पुलिस के इस अभियान में सहयोग प्रदान करें। ताकि नशे के अवैध कारोबार के नेटवर्क को तोड़ा जा सके। उन्होंने नगर समेत क्षेत्र में गाँजे के अवैध कारोबार पर कार्रवाई करने की बात कही हैं।
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