Ateek Ahmed: गुजरात के सबरमती सेंट्रल जेल में उम्रकैद की सजा काट रहे माफिया अतीक अहमद के काम तय हो गए हैं। उसे जेल में भैंस को नहलाने, झाड़ू लगाने, मवेसियों का ख्याल रखने समेत बढ़ई का काम भी करना होगा। इसके अलावा उसे जेल में ही खेती का काम भी करना होगा। इन कामों के लिए उसे दिहाड़ी के तौर पर 25 रुपये रोज के मिलेंगे। दरअसल, अतीक अहमद को अकुशल कारीगरों की कैटेगरी में रखा गया है। अगर उसे कुशल कारीगरों की कैटेगरी में रखा जाता तो उसे दिन के 40 रुपये दिहाड़ी के तौर पर मिला करते।
कैदी नंबर 17052, अतीक अहमद उमेश पाल किडनैपिंग केस में साबरमती जेल में उम्रकैद की सजा काट रहा है। जेल के बैंक में अतीक का खाता खोल दिया गया है। उसे मिलने वाली दिहाड़ी उसी खाते में जमा होगी। अतीक को जेल में रहने के लिए दो जोड़ी कपड़े दिए गए हैं। इन कपड़ों में सफेद रंग का कुर्ता-पैजामा, टोपी और गमछा को शामिल किया गया है।
कभी अय्याशी भरा जीवन बिताने वाला अतीक अहमद इन दिनों जेल की रोटी खा रहा है। उसे जेल में खाने के तौर पर रोटी, दाल और चावल दिया जा रहा है। उसके बैरक को बदल दिया गया है और अब उसे सजा पा चुके कैदियों के बैरक में ट्रांसफर कर दिया गया है।
उमेश पाल अपहरण केस में सुनवाई के लिए उसे साबरमती जेल से उत्तर प्रदेश के प्रयागराज की एमपीएमएलए कोर्ट लाया गया था। इसके बाद कोर्ट ने अतीक अहमद, वकील खान सौलत हनीफ व उसके करीबी दिनेश पासी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। हालांकि, इस मामले में 7 लोगों को बरी कर दिया गया।
दरअसल, उमेश पाल विधायक राजू पाल हत्याकांड का मुख्य गवाह था। हालांकि, उमेश पाल के कोर्ट में गवाही देने से पहले ही उसे किडनैप करके उसकी हत्या कर दी गई थी। साल 2006 में उसे चकिया ले जाया गया और वहां पर उससे जबरदस्ती हलफनामे पर हस्ताक्षर करवाया। इसके बाद उसकी हत्या हो गई थी।