दिल्ली. वायनाड से कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के ‘मोदी’ उपनाम को लेकर मानहानि मामले में सूरत की अदालत ने गुरुवार (23 मार्च) को दो साल की सजा सुनाई। कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए आपराधिक मानहानि मामले में राहुल गांधी को दोषी करार दिया। सजा के 10 मिनिट बाद ही राहुल गांधी को जमानत भी मिल गई है। सुनवाई के दौरान राहुल गांधी ने कोर्ट से कहा कि मेरा इरादा गलत नहीं था। उनके बयान से किसी को नुकसान नहीं पहुंचा है। इसी के साथ उन्होंने इस मामले में अपने लिए कम सजा दिए जाने की मांग की है।
बता दें कि, राहुल गांधी गुरुवार सुबह 10 बजे सूरत एयरपोर्ट पहुंचे और करीब 11 बजे कोर्ट में पेश हुए। सांसद राहुल गांधी के खिलाफ उनकी एक आपत्तिजनक टिप्पणी के लिए मामला दर्ज किया गया था। जिसपर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने उन्हें मानहानि मामले में दोषी करार दिया है।
ये है पूरा मामला?
2019 के लोकसभा चुनाव में कर्नाटक के कोलार में एक रैली के दौरान राहुल गांधी ने कहा था कि आखिर सभी चोरों के सरनेम मोदी ही क्यों होते हैं? इस टिप्पणी पर काफी बवाल मचा था. जिसके बाद बीजेपी विधायक और गुजरात के पूर्व मंत्री पूर्णेश मोदी ने टिप्पणी को लेकर आपराधिक मानहानि मामला दर्ज करवाया था। कहा गया कि राहुल गांधी का बयान पूरे मोदी समाज के लिए अपमानजनक है और इससे पूरे मोदी समुदाय को बदनाम किया गया है।
दोनों पक्षो के वकील ने क्या कहा ?
पूर्णेश मोदी के वकील ने दलील देते हुए कहा कि राहुल गांधी के भाषण की सीडी साबित करते हैं कि उन्होंने रैली में टिप्पणी की थी। जिस पर राहुल गांधी के वकील ने तर्क दिया कि कार्यवाही शुरू से ही त्रुटिपूर्ण थी, क्योंकि सीआरपीसी की धारा 202 के तहत कानूनी प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया था। उन्होंने यह भी तर्क दिया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, न कि पूर्णेश मोदी को इस मामले में एक पीड़ित पक्ष के रूप में शिकायतकर्ता होना चाहिए था। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी के अधिकांश भाषणों में प्रधान मंत्री को लक्षित किया गया था