दिल्ली. H3N2 इनफ्लूएंजा वायरस के रूप में एक बार फिर बुखार लोगों को अपनी चपेट में ले रहा है। मौसमी बदलाव के बाद ये वायरस तेजी से बढ़ रहा था। लेकिन अब इससे हरियाणा और कर्नाटक दोनों प्रदेशों में एक एक मौत का केस भी सामने आ चुका है।जिसके बाद स्थिति गंभीर मानी जा रही है। दूसरे वायरस की तरह H3N2 इनफ्लूएंजा वायरस से भी बुखार, सर्दी और जुकाम जैसी समस्याएं ही होती है। फिर ये कैसे समझा जाए कि कोई इस खतरनाक (dangerous virus) वायरस की चपेट में है या उसे आम वायरल फीवर हुआ है। इस संबंध में एक मीडिया रिपोर्ट में BLK हॉस्पिटल के छाती और श्वास रोग विभाग के डायरेक्टर और HOD डॉ. संदीप नायर ने बताया कि मौसमी वायरस से कितना अलग है और इसके लक्षण क्या हैं।
डॉ. नायर के अनुसार H3N2 इनफ्लूएंजा वायरस के लक्षण भी शुरूआत में आम वायरल इंफेक्शन (infection) की तरह ही नजर आते हैं। इस वायरस से भी बुखार, सर्दी, जुकाम, नाक बंद जैसी तकलीफें होती हैं। कुछ मामलों में लक्षण ज्यादा गंभीर नजर आते हैं और साथ में ज्यादा तेज बुखार, मसल पेन, पेट दर्द, उल्टी और ऑक्सीजन (oxygen) लेवल भी कम हो सकता है। डॉ. नायर बताते हैं कि ये वायरस भी आम वायरस की तरह आसानी से फैलता है। पीड़ित व्यक्ति की सांस से, छींक, खांसी या उसकी छुई हुई कोई वस्तु को पकड़ने से ये वायरस फैलता है. संक्रमित व्यक्ति के किसी भी तरह संपर्क में आने पर स्वस्थ व्यक्ति इस वायरस का शिकार हो सकता है।
इन लोगो को ज्यादा रिस्क हैं?
डॉ. नायर ने जानकारी दी की जिन लोगों की इम्यूनिटी कम है वो आसानी से इस वायरस की चपेट में आ जाते है। इसके अलावा बच्चे और बूढ़े तो हमेशा ही वायरस के आसान शिकार रहे हैं। जिन लोगों को पहले से ही कोई गंभीर बीमारी है, मसलन, लिवर, हार्ट (heart) या अस्थमा जैसी कोई परेशानी उन्हें भी आसानी से H3N2 इनफ्लूएंजा वायरस अपनी चपेट में ले लेता है।
इस वायरस से कैसे करें बचाव?
डॉ. नायर की सलाह है कि भीड़भाड़ी वाली जगह पर जाते समय हमेशा मास्क लगा कर रखें। जिस तरह कोविड के दौर में लगाया जाता था।संक्रिमत व्यक्ति से दूर रहना भी जरूरी है। जो लोग संक्रमित हैं उन्हें भी भीड़भाड़ वाली जगह पर नहीं जाना चाहिए। साथ ही मास्क भी लगाकर रखना चाहिए। घर में किसी को ये वायरस संक्रमित करता है तो उसे आइसोलेट कर दें। डाइट अच्छी रखें और लिक्विड डाइट ज्यादा से ज्यादा लें ताकि बॉडी हाइड्रेट रहे। बचाव कैसे करें- मास्क(mask) लगाएं, जैसे कोविड, इंफेक्शन वाले आइसोलेट, मास्क, भीड़ में न जाए. टेस्ट करवाएं, खाना अच्छा रखें, फ्लूएड काफी लें।
कोरोना (Corona) से कितना अलग है वायरस?
डॉ. नायर के मुताबिक अब सारे वायरस तकरीबन एक ही जैसे लक्षण जाहिर कर रहे है। इसलिए बुखार होने पर टेस्ट कराने में बिलकुल देर न करें। शुरूआत में कोविड के लक्षण सबसे अलग थे। कोविड पीड़ित को बुखार के अलावा स्वाद और महक आना बंद हो चुके थे। जबकि अब कोविड के भी लक्षण दूसरे वायरसों की तरह ही नजर आते हैं। बस अंतर ये है कि कोविड या H3N2 इनफ्लूएंजा वायरस के संक्रमण से स्थिति ज्यादा गंभीर हो सकती है। कोल्ड, कफ और बुखार के अलावा ऑक्सीजन लेवल भी कम हो सकता हैं। वायरस (virus) के जानलेवा होने की स्थिति तब आती है जब मरीज इसे सामान्य वायरल इंफेक्शन समझ कर अनदेखा करता है। इसलिए समय रहते डॉक्टर से संपर्क करना और टेस्ट कराना जरूरी है।
डॉ. नायर (Dr. Nayar) के मुताबिक लक्षण पकड़ने में देरी सबसे ज्यादा घातक होती है. इसके अलावा जिन लोगों की इम्यूनिटी (Immunity) कम है वो भी ज्यादा रिस्क पर हैं।