Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ से राज्यपाल पद पर अनुसूइया उइके को हटा दिया गया हैं। उन्हें मणिपुर का राज्यपाल नियुक्त किया गया हैं। आरक्षण विवाद के बीच लगातार ये खबर भी चल रही थी कि अनुसूइया उइके को हटाया जा सकता है और आखिरकार उन्हें हटाया गया। इस पर कांग्रेस की प्रतिक्रिया सामने आई हैं। पीसीसी चीफ मोहन मरकाम ने कहा कि राज्यपाल महोदय से जाते जाते निवेदन करना चाहता हूं। उनके कहे अनुसार मुख्यमंत्री ने आरक्षण विधेयक पास किया हैं। उस पर हस्ताक्षर कर दे। नए राज्यपाल आएंगे तो उन्हें समझने में समय लगेगा। जिससे यहां के युवाओं को उनका हक समय पर नही मिल पायेगा। सविंधान में बैठे व्यक्ति को सविंधान के अनुसार काम करना चाहिए, भेदभाव नही करना चाहिए सभी को समान रूप से देखना चाहिए।
वही मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की प्रतिक्रिया भी सामने आई हैं। सीएम ने ट्वीट कर लिखा कि हमारी वर्तमान राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके जी अपनी नयी संवैधानिक जिम्मेदारी अब बतौर मणिपुर राज्यपाल निभाएंगी। उनको शुभकामनाएँ। व्यक्तिगत रूप से मैं उन्हें अपनी बड़ी बहन मानता हूँ। मुझे इस बात की पीड़ा हमेशा रहेगी कि भाजपा ने उन्हें उनकी भावनाओं के अनुरूप काम नहीं करने दिया।
छत्तीसगढ़ में आरक्षण विधेयक राज्यपाल के हस्ताक्षर के कारण ही लटका हुआ था। अब कांग्रेस ने आखरी उम्मीद जताई है कि राज्यपाल जाते-जाते इस पर हस्ताक्षर कर दे। वहीं कांग्रेस का शुरू से ही यह आरोप रहा कि राज्यपाल अनुसूया उईके भारतीय जनता पार्टी के इशारों पर काम कर रही है, और बीजेपी ही हस्ताक्षर करने से रोक रही है।