दुनिया का सबसे अमीर शख्स, जिसकी दौलत का कभी नहीं लगा अंदाजा



Richest Man Ever: दुनिया के अरबपतियों की संपत्ति को ट्रैक करने वाली बिजनेस मैगजीन फोर्ब्स ने दिसंबर 2022 के में शुरुआत में ऐलान किया कि टेस्ला के सीईओ एलन मस्क को पीछे छोड़कर लग्जरी ब्रांड लुई वुइटन की मूल कंपनी एलवीएमएच के सीईओ बर्नार्ड अरनॉल्ट का परिवार संपत्ति के मामले में दुनिया के सबसे रईस हो गए हैं. उस समय उनकी संपत्ति 185.8 अरब डॉलर आंकी गई. जनवरी 2023 में अब तक उनकी संपत्ति बढ़कर 213 अरब डॉलर पहुंच गई है. लेकिन इतिहास में एक आदमी इतना अमीर हुआ, जिसकी संपत्ति का अनुमान लगा पाना भी नामुमकिन माना गया.

हम बात कर रहे हैं पश्चिम अफ्रीका के शासक मनसा मूसा की. मनसा मूसा का जन्म 1280 में आज के अफ्रीकी देश माली के टिम्बकटू शहर में हुआ था. साल 1312 तक उनके भाई मनसा अबु बक्र शासक थे, लेकिन लंबी यात्रा पर जाने के बाद मूसा राजा बन गए. जिस समय मनसा मूसा माली के शासक थे, उस समय वहां सोने के भंडार होते थे. कहते हैं कि उस समय वहां हर साल 1000 किलो सोने पैदा होता था. अमेरिकी वेबसाइट सेलिब्रिटी नेटवर्थ ने अनुमान लगाया था कि मनसा मूसा की कुल संपत्ति 400 अरब डॉलर से ज्यादा था. हालांकि, कुछ इतिहासकारों का दावा है कि उनकी संपत्ति इससे भी ज्यादा थी.

दुनिया के आधे सोने का था मालिक

मनसा मूसा का वास्तविक नाम मूसा कीटा फर्स्ट था. शासक बनने के बाद वह मनसा कहलाए, जिसका मतलब बादशाह होता है. कहा जाता है कि आज के मॉरीटानिया, सेनेगल, गांबिया, गिनिया, बुर्किना फासो, माली, नाइजर, चाड और नाइजीरिया मूसा के शासन क्षेत्र में आता था. ब्रिटिश म्यूजियम की एक रिपोर्ट के मुताबिक, मनसा मूसा के कब्जे में दुनिया का आधे से ज्यादा सोना था. वह बहुत धार्मिक भी थे. मूसा ने अपने 25 साल के शासनकाल में कई मस्जिद बनवाईं. इनमें कई आज तक हैं, जिनमें से एक टिम्बकटू की जिंगारेबेर मस्जिद है.

बर्बाद हो गई काहिरा की इकोनॉमी

माली के शासक मनसा मूसा 1324 में मक्का की यात्रा पर माली से निकले तो उनके साथ 60,000 लोगों का काफिला था. इस काफिले के आगे-आगे 500 लोगों का दस्ता 500 सोने की छड़ी लेकर चलता था. मूसा का ये काफिला सहारा रेगिस्तान और मिस्र होते हुए मक्का पहुंचना था. काफिले में 100 से ज्यादा ऊंट हजारों किलो सोना लेकर साथ चल रहे थे. हर ऊंट पर 125 किग्रा से ज्यादा सोना लदा था. यात्रा के दौरान मूसा का काफिला मिस्र के काहिरा शहर में रुका. कहा जाता है कि मूसा इतने उदार थे कि उन्होंने वहां सोना दान करना शुरू कर दिया. इस वजह से वहां सोने के दाम अचानक गिर गए और महंगाई बढ़ गई.

कैटलन एटलस में था मूसा का नाम मूसा के काहिरा से जाने के एक दशक बाद तक ना तो सोने के दाम बढ़े और ना ही महंगाई घटी. इतिहासकारों का कहना है कि इससे काहिरा की इकोनॉमी पूरी तरह से तबाह हो गई. कहा जाता है कि मूसा के कारण पूरे मध्य-पूर्व को कई हजार करोड़ रुपये का नुकसान हुआ. मूसा ने माली से मक्का की 6500 किमी की यात्रा पूरी की. मनसा मूसा का 57 साल की उम्र में 1337 में निधन हो गया. उनके बाद उनके बेटे शासन को अपने नियंत्रण में नहीं रख पाए. इससे मूसा का तैयार किया कई हजार मील में फैला साम्राज्य कई टुकड़ों में बंट गया. उस दौरा का सबसे अहम नक्शा कैटलन एटलस था, जिसमें मनसा मूसा और माली साम्राज्य का नाम भी था.