नई दिल्ली
अभिनेता अनुपम खेर को पाकिस्तान ने वीजा देने से इनकार कर दिया है। वीजा नहीं मिलने के चलते अनुपम अब कराची में होने वाले लिटरेचर फेस्टिवल में शामिल नहीं हो पाएंगे। अनुपम ने पाक वीजा न मिलने पर निराशा जताई है। पाकिस्तानी सरकार की ओर से वीजा नहीं मिलने के कारण अभिनेता अनुपम खेर पांच फरवरी से शुरू होने वाले कराची साहित्य महोत्सव में भाग नहीं ले सकेंगे। चार दिवसीय समारोह के लिए आयोजकों ने 18 भारतीयों को आमंत्रित किया था। खेर उनमें से एक थे। खेर एकमात्र व्यक्ति हैं जिन्हें वीजा नहीं मिल सका। अन्य 17 प्रतिभागियों को वीजा मिल गया। कुछ ही दिन पहले पदम विभूषण से सम्मानित खेर कम से कम दो सत्र में भाग लेने वाले थे और महोत्सव के कार्यक्रम में उनके नाम का उल्लेख प्रमुखता से किया गया था।
जानकारी के अनुसार, पाकिस्तान ने अनुपम खेर को वीजा नहीं दिया है। 5 फरवरी को अनुपम खेर को पाकिस्तान जाना था। अनुपम लिटरेचर फेस्टिवल में शामिल होने के लिए कराची जाने वाले थे। अनुपम ने मंगलवार सुबह कहा कि 18 में से 17 लोगों को पाकिस्तान जाने के लिए वीजा मिला लेकिन मुझे पाक का वीजा नहीं दिया गया। वीजा नहीं दिये जाने की पुष्टि करते हुये खेर ने को आज यहां बताया कि वह इसे देख कर काफी दुखी हैं। वह महोत्सव में भाग लेने के बारे में आगे की ओर सोच रहे थे और वहां के लोगों के मन में गलतफहमी दूर करने के लिए मंच का इस्तेमाल करना चाहते थे। उन्होंने कहा कि हम उनके कलाकारों का भारत में स्वागत करते हैं। अगर भारत में एक जगह पर उनकी प्रस्तुति पर आपत्तियां होती है तो दूसरे जगह उनका स्वागत होता है। लेकिन यह पारस्परिक नहीं है। वीजा नहीं दिये जाने के मुद्दे पर खेर ने बताया, कि काश मैं जान पाता। मैं सोच रहा हूं कि क्या यह मेरे कश्मीरी पंडित होने या भारत में सहिष्णुता पर बहस में मेरे विचारों के कारण हुआ है। खेर ने बताया कि वीजा नहीं मिलने के कारण महोत्सव के आयोजकों को शर्मिंदगी का सामना करना पड़ा और उन्होंने मुझसे खेद जताया है।
दूसरी ओर, पाक हाईकमीशन ने आज एक बयान में कहा कि अनुपम खेर की तरफ से वीजा आवेदन नहीं मिला था। इस मामले पर पाक उच्चायुक्त ने कहा कि अनुपम खेर ने वीजा के लिए अर्जी ही नहीं दी। उनसे पूछिए क्या उनके पास कोई रसीद है। इसके बाद, अनुपम खेर ने दावा किया है कि वीजा को लेकर पाक हाईकमीशन झूठ बोल रहा है। मेरी तरफ से प्रकाशक ने आवेदन दिया था। वीजा न देने की वजह मुझे मालूम नहीं है। अभिनेता ने कहा कि मैं आतंकी की भाषा नहीं बोलता, शायद इसलिए वीजा नहीं दिया गया। कश्मीरी पंडितों पर मोरी सोच भी हो सकती है एक वजह। अब वीजा के इस मामले को भारत सरकार देखे।