जांजगीर-चांपा: बलौदा ब्लॉक के सेवा सहकारी समिति पंजीयन क्रमांक 993में वन अधिकार भूमि का फर्जी पट्टा जोड़कर समितियों में करोड़ों का धान बिक्री किए जाने का मामला सामने आया है। मामले की शिकायत करने गांव के किसान सोमवार को जनदर्शन में कलेक्टर के पास पहुंचे। कलेक्टर ने मामले की जांच कराकर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का आश्वासन दिया है।
किसान व गांव के सरपंच सुलिता देवी राठौर एवं मणीकांत अग्रवाल ने अपनी शिकायत पर कहा है कि विकास सिंह पिता नंदे सिंह निवासी बुडग़हन ने वन भूमि कंपार्टमेंट नंबर 1677 रकबा 8 एकड़ सो कर 119 क्विंटल धान कोरबी समिति में धान बिक्री किया गया है। इसी तरह सेवा सहकारी समिति का अध्यक्ष मनोज अग्रवाल पिता गोविंद अग्रवाल ने वन भूमि कंपार्टमेंट नंबर 1694 रकबा 4.25 एकड़ भूमि दर्शाकर 63 क्विंटल धान बिक्री किया है। इसी तरह पूजा अग्रवाल पति जितेंद्र अग्रवाल ने वन भूमि कंपार्टमेंट नंबर 172 एवं 57 नंबर दोनों मिलाकर 14 एकड़ भूमि में 205 क्विंटल धान की बिक्री की है। इसी तरह लक्ष्मी कुमार यादव पिता मोतीराम यादव निवासी डोंगरी के नाम पर 7 एकड़ भूमि में 120 क्विंटल धान की बिक्री की गई है। इसी तरह डोंगरी के किसान सुखीराम यादव ने 5.70 एकड़ वन भूमि की जमीन को दर्शाकर 100 क्विंटल धान कोरबी समिति में बिक्री किया है। जो पूरी तरह से गलत है।
एक ओर किसानों को कम कम भुगतान करना पड़े कहकर किसानों को प्रत्येक एकड़ में मात्र 15 क्विंटल धान की खरीदी करना चाह रहा है। वहीं दूसरी ओर समिति प्रबंधक राजीव गांधी किसान न्याय योजना का लाभ पाने के लिए नव भूमि की भी समितियों में पंजीयन कराकर सोसायटी में धान की बिक्री कर रहे हैं। इससे सरकार को करोड़ों रुपए का नुकसान हो रहा है। वहीं लगातार हो रही शिकायत के बाद भी अधिकारी कर्मचारी ऐसे फर्जीवाड़ा करने वालों के खिलाफ किसी तरह की कार्रवाई नहीं कर रही है। जिसके चलते फर्जीवाड़ा करने वालों का मनोबल लगातार बढ़ते जा रहा है।
कलेक्टर जनदर्शन में डोंगरी के किसान सुखीराम ने बताया कि उसके पास मात्र 0.4050 हेक्टेयर जमीन है। जिसमें वह 15 क्विंटल धान की बिक्री की है। बाकी धान सेवा सहकारी समिति के कोरबी के अध्यक्ष मनोज अग्रवाल एवं खरीदी केंद्र प्रभारी विकास सिंह द्वारावन भूमि का पट्टा पीएफ 1676 रकबा 2.3050 हेक्टेयर को फर्जी रूप से दर्शाकर 86 क्विंटल धान की बिक्री सोसायटी में कर दी गई है। जबकि उसके पास वन भूमि का कोई भी पट्टा नहीं है। समिति के अध्यक्ष मनोज अग्रवाल द्वारा जबरदस्ती उसके पासबुक को अपने पास रखा लिया है।
सुखीराम का कहना है कि दुखद यह है मनोज अग्रवाल ने उसका फर्जी हस्ताक्षर कर 85 क्विंटल धान का पैसा भी निकाल लिया है। सुखीराम ने कलेक्टर से कहा कि मामले की जांच कर दोषी पाए जाने वाले समिति के अध्यक्ष मनोज अग्रवाल एवं खरीदी केंद्र प्रभारी विकास सिंह एवं बैंक मैनेजर बलौदा के ऊपर कड़ी कार्रवाई की जाए।