जयपुर: वन विभाग के कर्मचारियों की ओर से एक पैंथर का हाल ही में किया गया रेस्क्यू ऑपरेशन चर्चा का विषय बना हुआ है। राजस्थान के राजसमंद जिले में पानी की तलाश में कुएं में गिरे एक पैंथर को वन विभाग की टीम ने बिना ट्रेंकुलाइज किये बाहर निकाला है। संसाधनों के अभाव में वन विभाग के कर्मचारियों ने इस खतरनाक रेस्क्यू ऑपरेशन को अंजाम देकर पैंथर की जान तो बचा लेकिन इस दौरान उनकी टीम की जान खतरे में पड़ी रही। गनीमत रही कि कुएं से बाहर निकलते ही पैंथर वहां भी भाग गया। अन्यथा वह वन विभाग की टीम पर हमला भी कर सकता था।
जानकारी के अनुसार मामला राजसमंद की देवगढ़ रेंज की टेगी बीट का है। वहां हाल ही में एक पैंथर पानी की तलाश करता हुआ कुएं में गिर गया था। इसकी सूचना मिलने पर वन विभाग की टीम वहां पहुंची। लेकिन वह संसाधनों के अभाव में कुछ नहीं कर पाई। इसके चलते पैंथर करीब 12 घंटे तक कुएं में पड़ा रहा। बाद में वन विभाग की टीम ने हिम्मत करके रिस्की रेस्क्यू ऑपरेशन करने की ठानी।
इसके लिये वन विभाग की टीम ने कुएं में रस्सी के सहारे पहले खाट डाली। बाद में मशक्कत कर बिना ट्रेंकुलाइज किये पैंथर को उस पर बिठाया। फिर रस्सी को खींचकर उसे कुएं से बाहर निकाला। बाहर निकलते ही पैंथर खाट पर से छलांग लगाकर भाग गया। इस दौरान वन विभाग के कर्मचारियों की सांसें अटकी रही। पैंथर के वापस जंगल में चले जाने पर वनकर्मियों की जान में जान आई।
उल्लेखनीय है कि वन विभाग कर्मचारी संघ लंबे समय से आला अधिकारियों से संसाधन उपलब्ध कराने की मांग कर रहा है। लेकिन वन विभाग के आला अधिकारी इसको लेकर चुप्पी साधे हुए हैं। ऐसे में कई बार मुसीबत में फंसे खतरनाक वन्य जीवों का रेस्क्यू ऑपरेशन करना किसी खतरे से खाली नहीं होता है। राजस्थान अधीनस्थ वन कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह यादव ने सरकार से मांग की है कि वह जरूरी संसाधन उपलब्ध कराने के लिए बजट मुहैया कराये ताकि कर्मचारियों की जान के जोखिम का कम किया जा सके।