लखनऊ। उत्तर प्रदेश के होमगार्ड केबिनेट मंत्री और पूर्व क्रिकेटर चेतन चौहान को पिछले दिनों लखनऊ में कोरोना पोजिटिव होने पर पीजीआई में भर्ती कराया गया था। वहां स्वास्थ्य में सुधार न होने पर परिवार वाले उन्हें मेदांता अस्पताल ले गए। भाई पुष्पेन्द्र चौहान ने बताया कि किडनी इंफेक्शन के कारण शनिवार को उनकी तबीयत अचानक बिगड़ गई थी और रविवार शाम को उनका निधन हो गया।
उन्होंने बताया कि करीब महीने भर से पीजीआई में भर्ती चेतन चौहान की तबीयत शुक्रवार को अचानक ज्यादा बिगड़ गई जिसके बाद उन्हें वेदांता अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जहां उन्हें जीवन रक्षक प्रणाली पर रखा गया था। उन्हें 11 जुलाई को कोरोना हुआ था। 15 जुलाई को जब उनकी हालत ज्यादा खराब हो गई तो गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में शिफ्ट किया गया था।
बता दें कि चेतना चौहान यूपी के दूसरे मंत्री हैं जिनकी कोरोना की वजह से मौत हुई है। इससे पहले कमल रानी वरुण की भी कोरोना से मौत हुई थी। कोरोना की चपेट में आने के बाद कमल रानी को एसजीपीजीआई के आइसोलेशन वार्ड में भर्ती कराया गया था। जहां उन्हें सप्ताह भर से ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखा गया था।
एसजीपीजीआई के निदेशक प्रोफेसर आरके धीमान ने बताया था कि प्राविधिक शिक्षा मंत्री कमल रानी वरुण के इलाज में लगी टीम ने निरंतर प्रयास किया था लेकिन उनके फेफड़े का संक्रमण बढ़ता गया। हाई ब्लडप्रेशर और शुगर भी अनियंत्रित रहा। तमाम प्रयास के बाद भी उन्हें बचाया नहीं जा सका।
कमल रानी वरुण कानपुर देहात के घाटमपुर से विधायक थीं। वह दो बार लोकसभा सदस्य भी रहीं। उनके निधन पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक दिन के राजकीय अवकाश की घोषणा की थी। मुख्यमंत्री ने कहा था कि उन्होंने एक मजबूत स्तंभ खो दिया, जिसकी भरपाई नहीं की जा सकती।
उत्तर प्रदेश मंत्रिमंडल के मेरे वरिष्ठ सहयोगी और पूर्व क्रिकेटर चेतन चौहान जी नहीं रहे। यह मेरे मंत्रिमंडल के सहयोगियों के लिए और उत्तर प्रदेश के नागरिकों के लिए एक अपूरणीय क्षति है।
वे जितने लोकप्रिय खिलाड़ी थे, उतने ही लोकप्रिय जन नेता भी थे। मैंने उनके परिवार के सदस्यों से अभी बात की है। कल चेतन चौहान जी का अंतिम संस्कार होगा। अभी 7 बजे हमारी आकस्मिक कैबिनेट बैठक होगी।