फुलो की तरह खुशबू बिखेर रहे है फुलवारी के नन्हें बच्चें

बैकुण्ठपुर 

छत्तीसगढ के आदिवासी बहुल कोरिया जिले के विकासखण्ड बैकुण्ठपुर के ग्राम सीतापुर स्थित पण्डोपारा के छःमाह से तीन आयु समूह के चिन्हाकिंत कुपोषित बच्चें सुपोषित होकर फुलो की तरह खुषबू बिखेर रहे है। यह सब हो रहा है छत्तीसगढ शासन के पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा आदिवासी जिले के कुपोषित बच्चों को सुपोषित करने के लिए संचालित फुलवारी योजना से।
जिला मुख्यालय बैकुण्ठपुर से 25 किलो मीटर की दूरी पर पण्डोपारा स्थित है। यहॉ के बच्चों में गरीबी और कुपोषण को देखते हुए फुलवारी केन्द्र प्रारंभ किया गया है। इस केन्द्र के प्रांरभ होने के समय वहॉ के बच्चे काफी कुपोषित थे। इसे देखकर वहॉ के 12 बच्चों का वनज करके श्रेणी निकाली गई। जिसमें 3 बच्चें सामान्य, 4 बच्चे कुपोषित और 5 बच्चे गंभीर कुपोषित थे। इस योजना का संचालन करने वाले इन बच्चों की माताओं द्वारा ही इन कुपोषित बच्चों को सुपोषित करने के लिए खाने से पहले इन बच्चों का साबुन से हाथ धुलाया जा रहा है। तत्पश्चात उन्हें 3 बार दाल-भात एवं हरी सब्जी के साथ खाने में एक चम्मच खाने का कच्चा तेल दिया जा रहा है। सप्ताह में चार दिन उबला हुआ अण्डा भी दिया जा रहा है। कृमि के लिए कृमि नाष्क दवाईया और खुन बढाने के लिए उन्हें आयरन एवं विटामिन की सीरप भी दिया जा रहा है। बच्चों के लिए भोजन और अन्य चीजे ही पर्याप्त नही बल्कि उन्हें खिलौने एवं उनके साथ बात-चीत, प्यार, दुलार भी दिया जा रहा है। इसके अलावा फुलवारी केन्द्र में इन कुपोषित बच्चों का प्रति सप्ताह वजन लिया जा रहा है। वजन करके बच्चों की श्रेणी निकाली जा रही है। जिसके फलस्वरूप अब वहॉ के बच्चे सामान्य बच्चों की श्रेणी में आ गये है। अब ये नन्हें बच्चे सुपोषित होकर फुलो की तरह खुषबू बिखेर रहे है।