नई दिल्ली
विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) में बड़ी सफलता हासिल करते हुए भारत ने देश के किसानों के हित में खाद्यान्न के मुद्दे पर अपने प्रताव पर अमेरिका से सहमति प्राप्त कर ली है। इस मुद्दें पर काफी समय बाद भारत व अमेरिका ने भारतीय किसानों के हितों को सुरक्षित रखते हुए खाद्य-सुरक्षा के मुद्दे पर गतिरोध को दूर कर लिया है। अमेरिका ने खाद्यान्न के भंडारण के मुद्दे पर भारत के प्रस्ताव का समर्थन करने की सहमति दी है। अब इसे डब्ल्यूटीओ की आम परिषद में अनुमोदन के लिए भेजा जाएगा, जिससे व्यापार सुगमता करार पर दस्तखत हो सकें।
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस मुद्दे पर सफलता की घोषणा करते हुए कहा कि भारत व अमेरिका ने डब्ल्यूटीओ में खाद्य खुरक्षा के उद्देश्य से सार्वजनिक खाद्यान्न भंडारण के मुद्दों पर मतभेदों को हल करने में एक बड़ी सफलता हासिल की है।
उन्होंने कहा कि इससे डब्ल्यूटीओ को और अधिक सफलताओं के लिए तैयार किया जा सकेगा। इसके साथ ही सीतारमण ने भरोसा जताया कि सदस्य डब्ल्यूटीओ में इस मामले को रचनात्मक भावना के साथ आगे लेकर जाएंगे तथा इस मामले में कोई हस्तक्षेप नहीं होगा। मंत्री नेे कहा कि कई देशों को डब्ल्यूटीओ में भारत के दृष्टिकोण अच्छा लगा है और अमेरिका ने भी इसकी काफी सराहना की है। अब अमेरिका ने खुलकर सार्वजनिक खाद्यान्न भंडारण पर हमारी चिंता का समर्थन किया है तथा आगे भी करने को कहा।
सीतारमण ने कहा, ‘भारत ने कभी भी व्यापार सुगमता में बाधा नहीं डाली। हम सिर्फ अपने किसानों के हितों का फैसला लेना चाहते हैं।’ वाणिज्य मंत्री ने कहा कि डब्ल्यूटीओ की आम परिषद को भारत का प्रस्ताव मिलेगा और अमेरिका हमारा समर्थन करेगा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका यात्रा के बाद भारत के रख को लेकर समझ बेहतर हो पाई।
सीतारमण ने कई बार ट्विट कर कहा, ‘भारत बहुपक्षीय व्यापारिक प्रणाली का मजबूत समर्थक है और हम इसे और मजबूत करने को प्रतिबद्ध हैं। बाली करार परिपूर्ण नहीं था। हमने यह मुद्दा उठाया था। हमें यह कहते हुए खुशी हो रही है कि मतभेदों को दूर कर लिया गया है।