रायपुर. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से उनके निवास कार्यालय में तमिलनाडु के तंजावूर, तिवारूर और नागपट्टनम जिले से आए किसानों ने सौजन्य मुलाकात की और शाल तथा नारियल का पौधा भेंट कर उन्हें सम्मानित किया. किसानों ने मुख्यमंत्री से कहा कि धान का 2500 रूपए प्रति क्विंटल कीमत देकर देशभर में किसानों के नए रोल मॉडल के रूप में उभर रहे है. धान से इथेनाल बनाने के लिए प्लांट लगने से उनकी कीर्ती देश-दुनिया में फैलेगी. उन्होंने मुख्यमंत्री से छत्तीसगढ़ में ग्रामीण अर्थव्यवस्था हो मजबूती देने के लिए सुराजी गांव योजना के तहत नरवा, गरवा, घुरवा और बाड़ी कार्यक्रम की प्रसंशा की और पारम्परिक खेती-किसानी के संबंध में किसानों का बड़ा सम्मेलन आयोजित कराने का भी आग्रह किया, जिससे देशभर के किसान अपने अनुभव साझा कर सके.
मुख्यमंत्री से मुलाकात के दौरान किसानों ने कहा कि देशभर में आप पहले मुख्यमंत्री है, जिन्होंने किसानों को अपने वादे के अनुरूप फसल का सही दाम दिलाने का वादा पूरा किया है. इन किसानों ने कहा कि आप स्वयं किसान है इसलिए किसानों का दर्द समझते है. जन घोषणा पत्र में आपने जो वादा किया था, उसके अनुरूप किसानों को 2500 रूपए प्रति क्विंटल धान की कीमत दे रहे है. देश के कई हिस्सों में पहले भी किसानों से इस प्रकार का वादा किया था, लेकिन इस वादे को कभी पूरा नहीं किया गया.
मुख्यमंत्री को किसानों ने बताया कि रायपुर जिले के सारागांव धान खरीदी केन्द्र का आज भ्रमण किया. जहां उन्होंने किसानों से भी बातचीत की. यहां धान खरीदी की पूरी व्यवस्था कम्प्यूटरीकृत है. किसानों को तत्काल आनलाईन भुगतान किया जाता है. इसके अलावा पूरी व्यवस्था पारदर्शी है. जबकि तमिलनाडु में 3 से 15 दिन का समय लग जाता है. इसके अतिरिक्त वहां दलालों से भी किसानों को दिक्कत होती है. धान खरीदी केन्द्र में भ्रमण के दौरान पता चला कि धान की अच्छी कीमत मिलने के बाद बड़ी संख्या में यहां किसान धान बेचने आते है. जबकि तमिलनाडु में कई बार किसानों को व्यापारियों को धान बेचना पड़ जाता है.
तमिलनाडु से आए किसान मुख्यमंत्री की सरलता और सहजता से बड़े प्रभावित हुए. इन किसानों ने बताया कि उनके राज्य में मुख्यमंत्री से मुलाकात इतनी सरल नहीं होती. किसानों ने बताया कि जब छत्तीसगढ़ में किसानों को धान की कीमत 2500 रूपए की घोषणा हुई थी तब उन्होंने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नाम पर तावंजूर में किसानों को मिठाई बांटकर खुशियां जाहिर की थी. मुलाकात के दौरान किसानों ने बताया कि आल इंडिया किसान संघर्ष के बैनर तले जब दिल्ली गए थे, तब सभी लोग 2500 रूपए किसानों को धान की कीमत देने की तारीफ कर रहे थे.
मुख्यमंत्री ने किसानों को बताया कि यहां धान से इथेनाल बनाने का प्लांट लगाने जा रहे है. इसके टेंडर भी किया जा चुका है. दो किलो धान से एक लीटर इथेनाल बनेगा. इससे किसानों को धान की कीमत अच्छी कीमत मिलेगी वहीं विदेशी मुद्रा की भी बचत होगी. उन्होंने कहा कि इथेनाल बनाने से धान के संग्रहण के लिए गोदाम की भी आवश्यकता नहीं पड़ेगी. किसानों ने इस पर प्रसन्नता जाहिर करते हुए कहा कि इथेनाल प्लांट लगने से छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री पूरे देशभर के किसानों के लिए नए रोल मॉडल बनकर उभरेंगे. मुख्यमंत्री ने खनिज विभाग के सचिव अंबलगन पी. को तमिलनाडु से आए इन किसानों को किसानों को गौठान दिखाने तथा आर्गेनिक फार्म का भ्रमण कराने के भी निर्देश दिए.
चर्चा के दौरान किसानों ने बताया कि कावेरी-डेल्टा के आसपास गन्ने की भी अच्छी फसल होती है. कई बार गन्ना खरीदी में विलंब होने से किसानों को कई प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ता है. इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि गन्ने से इथेनाल बनाने का काम भी किया जा सकता है. पेट्रोल में 20 प्रतिशत बायोफ्यूल मिलाया जा सकता है. वर्तमान में 6 प्रतिशत बायोफ्यूल मिलाया जा रहा है. इसमें 14 प्रतिशत का गैप इसकी पूर्ति बायोफ्यूल से की जा सकती है.
इस अवसर पर तंजावूर, तिवारूर और नागपट्टनम के अध्यक्ष चेयरन, कावेरी किसान संघ के सचिव विमलनाथन, कुंभकोडम तहसील इकाई के खलियापेरमाल और स्वामीनाथन नागपट्टनम के सरगोपन, तिरूवारूर के आर.एस. बालाजी और तंजावूर के विश्वनाथन उपस्थित थे.