
10 devotees killed in Chitrakoot
सतना से पी मनीष की रिपोर्ट
भगवान राम की तपो भूमि और हिंदुओ के प्रसिद्द तीर्थ चित्रकूट में आज भगदड़ के दौरान 10 तीर्थ यात्रियों की मौत हो गई । जबकि 12 लोग घायल गंभीर रुप से घायल हो गए है। घायलो को जानकी कुण्ड अस्पताल में भर्ती कराया गया है । जंहा एक महिला की तबियत बिगडने के बाद घायल महिला को सतना जिला अस्पताल के लिए रेफर किया गया है । महिला की हालत चिंताजनक बनी हुई है । इस घटना में बजह अत्यधिक भीड़ और सकरा रास्ते को माना जा रहा है। हांलाकि इस ह्रदय विदारक घटना की तहकीकात के लिए प्रशासन ने मजेस्टियल जांच के आदेश जारी किया है । जिसके साथ ही प्रशासन ने मृतको को दो लाख और घायलो पचास हजार की मुआवजा राशि देने की घोषणा भी कर दी है। मृतकों में सात की पहचान हो चुकी है। जबकि समाचार लिखे जाने तक तीन लोगो की पहचान नही हो सकी थी ।

सतना जिले के चित्रकूट में आज कामदगिरी पर्बत की परिक्रमा करते वक्त भगदड़ मची और भगदड की भीड़ दण्डबाट परिक्रमा कर रहे लोगो को कुचलती हुए आगे बढ़ गई । जिससे 6 महिला सहित 10 लोगो की मौत हो गई । मृतकों में अधिकांस उत्तरप्रदेश के रहने बाले है । जिला प्रशासन ने इस घटना की बजह अप्रत्याशित भीड़ बढ़ना को बताया है लेकिन इस दर्दनाक हादसे की मजेस्टियल जांच आदेश भी दे दिए है । इधर घटना की जानकारी लगते ही सतना के तमाम आला अधिकारी और रीवा रेंज के आईजी पवन श्रीवास्तव भी मौके पर पंहुचे। और घटना स्थल का जायजा लिया।
चिटकूट में हर माह सोमवती अमावश्या में भव्य मेला लगता है । जिसमे उत्तर प्रदेश और मध्यप्रदेश के अलावा देश के कोने कोने से श्रर्दालु चित्रकूट पंहुचते है। ऐसी मान्यता है अमावश्या के इस दिन कामता नाथ और कामदगिरी की परिक्रमा करने से मन चाही मुरादे पूरी होती है । लेकिन 25 अगस्त सोमवार को बारह साल बाद भादो माह में सोमबती अमबस्या का अवसर था। जिसको लेकर चित्रकूट में आज देशभर के कोने कोने से लगभग 20 लाख श्रर्दालु चित्रकूट पंहुचे थे। लिहाजा भीड की भगदड मे इतना बड़ा हादसा हो गया । घटना के बाद संभाग भर के पंहुचे अधिकारियो ने घटना अथल का जायजा लिया। स्थानीय संसद की माने तो कामदगिरी परिक्रमा में हुए अतिक्रमण को हटाना बेहद जरुरी हो गया है।
जानकारो और प्रत्यक्षदर्शियो की माने तो बडी घटना के पीछे प्रशासनिक लापरबाही है। क्योकि जब इस आमवश्या मे इतनी तादात मे लोग चित्रकूट आने की संभावना थी। तो प्रशासन को इसके लिए अन्य तीर्थ स्थानो की तरह माकूल इंतजाम करने थे। बहरहाल प्रशासन भगदड की भीड को अप्रत्याशित भीड बता कर हादसो अपना पलडा जरुर झाड रहा है। लेकिन सवाल तो प्रशासन को ही देना पडेगा कि आखिर 10 लोगो की मौत का जिम्मेदारा कौन है।